
Child Pornography : साइबर सेल को अमेरिका से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की शिकायत मिली, ऑटो ड्राइवर गिरफ्तार!
60 साल के ड्राइवर पर नाबालिगों से संबंधित अश्लील वीडियो शेयर करने का आरोप!
Indore : राज्य साइबर सेल ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के एक मामले में कार्रवाई करते हुए इंदौर में एक 60 साल के ऑटो चालक को गिरफ्तार किया। आरोपी का नाम इरशाद है, वह खजराना इलाके का रहने वाला है। उस पर नाबालिगों से संबंधित अश्लील वीडियो शेयर करने का आरोप है। इंदौर में स्टेट साइबर सेल थाना पुलिस ने वॉट्सएप इंक यूनाइटेड स्टेट से मिली जानकारी के बाद केस दर्ज किया गया।
मामले का खुलासा तब हुआ, जब अमेरिका स्थित वॉट्सएप इंक ने भारत सरकार की साइबर टिपलाइन को एक शिकायत भेजी। यह शिकायत चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेंट के डाउनलोड और शेयरिंग से जुड़ी थी। इसमें आरोपी की संलिप्तता पाई गई। गृह मंत्रालय की साइबर यूनिट से यह सूचना इंदौर की राज्य साइबर सेल को मिली।
साइबर सेल के इंस्पेक्टर दिनेश वर्मा ने बताया कि आरोपी की उम्र 60 साल है। वो ई-रिक्शा चालक है। उसने व्हाट्सएप के जरिए बच्चों से जुड़ी पोर्न क्लिप शेयर की थीं। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए उसने आरोपी ने अपने मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया था। लेकिन, पुलिस ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर डिलीट किए गए आपत्तिजनक वीडियो को रिकवर कर लिया।
गुरुवार को पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। 60 वर्षीय इरशाद स्कूली छात्र-छात्राओं को लाने एवं ले जाने का काम करता है। उसने पूछताछ में स्वीकारा कि उसने वाट्सएप के माध्यम से मिला वीडियो अन्य लोगों में शेयर भी किया था। ऑटो चालक इरशाद वॉट्सएप पर अश्लील वीडियो चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड कर शेयर कर रहा था। उसे पता नहीं था कि वॉटसएप इंक यूनाइटेड स्टेट से निगरानी हो रही थी।
इस मामले में भारत सरकार के गृह मंत्रालय की साइबर टिप लाइन के माध्यम से शिकायत स्टेट साइबर सेल इंदौर को दी गई। बताया गया कि इरशाद अपने वॉट्सएप पर कई ग्रुप में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कंटेंट शेयर कर रहा है। इसके बाद साइबर पुलिस ने खजराना इलाके से इरशाद को अरेस्ट कर उसका मोबाइल जब्त किया।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी को सुप्रीम कोर्ट ने क्रूर करार दिया
नाबालिग बच्चों के साथ यौन गतिविधियों के संबंध में बनाए गए वीडियो चाइल्ड पोर्नोग्राफी की श्रेणी में आते हैं। इसमें वीडियो और तस्वीर दोनों शामिल है। इसको लेकर पिछले साल मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्रूर करार दिया था। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध की श्रेणी में रखने से इनकार कर दिया था।
नाबालिग बच्चों के साथ यौन गतिविधियों के संबंध में बनाए गए वीडियो चाइल्ड पोर्नोग्राफी की श्रेणी में आते हैं, इसमें वीडियो और तस्वीर दोनों शामिल है। इसको लेकर पिछले साल मद्रास हाई कोर्ट के एक फैसले पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्रूर करार दिया था। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध की श्रेणी में रखने से इनकार कर दिया था।





