
बच्चा चुराने, बेचने वाली गैंग का पदार्फाश, 6 महिलाएं, 3 पुरुष पुलिस की गिरफ्त में!
Indore : बच्चा चुराकर बेचने वाली गैंग को रावजी बाजार पुलिस ने पदार्फाश करते हुए 6 महिलाएं और तीन पुरुषों को गिरफ्तार किया है। गैंग के सदस्य केयर सेंटर चलाने की आड़ में जरूरतमंद लोगों से संपर्क कर इस गोरखधंधे को अंजाम देती थी। इस गैंग में 11 सदस्य है। जिनमें छह महिलाएं और पांच पुरुष है। अब पुलिस पता लगा रही है कि यह गैंग कहां से बच्चे लेकर आती थी और कितने बच्चे बेच चुकी है।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता रितेश व्यास आजाद नगर का रहने वाला है। वह ऑटो पार्ट्स की दुकान में काम करता है। लगभग छह महीने पहले उसकी मुलाकात प्रमिला पति अविनाश साहू निवासी मयूर नगर और वंदना पति राजू मकवाना निवासी टॉवर चौराहा से मूसाखेड़ी चौराहे पर हुई थी। दोनों ने खुद को बुजुर्गों के लिए केयर सेंटर चलाने वाली बताया था। इसके बाद तीनों की कई बार मुलाकात हुई।
बच्चा गोद लेने के बहाने डील
प्रमिला और वंदना ने रितेश को बताया था कि वे नि:संतान लोगों की मदद और उनको बच्चे दिलाने का काम भी करती हैं। इस पर रितेश को शक हुआ। रितेश को कुछ लोगों से जानकारी मिली कि वे पहले हीरानगर थाना क्षेत्र में बच्चा बेचने के मामले में जेल जा चुकी हैं। रितेश ने इस मामले की जानकारी अपने दोस्त को दी और दोनों ने मिलकर पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने बच्चा गोद लेने के बहाने डील की और आरोपियों को 4 अगस्त को अग्रसेन चौराहे पर मिलने बुलाया। यहां प्रमिला और वंदना ने रितेश से राजू, प्रिया और बच्चे की मां सोनू बेन से परिचय कराया। सोनू की गोद में डेढ़ माह का बच्चा था। बातचीत के दौरान प्रमिला और वंदना ने कहा कि सोनू की हालत ठीक नहीं है, इसलिए वह बच्चा देना चाहती है। इसी बीच रितेश ने पुलिस को बुला लिया।
10 लाख में डील, बताया 4 लाख
अब तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि प्रमिला और वंदना ने बच्चे के बदले रितेश से 10 लाख रुपए की डील की थी, लेकिन सोनू को सिर्फ 4 लाख रुपए देने की बात कही गई थी। आर्थिक रूप से कमजोर सोनू इस बात के लिए राजी हो गई थी। जानकारी के अनुसार सोनू मूलत: गुजरात की रहने वाली है। साल 2022 में उसके पहले पति ने उसे छोड़ दिया था।
इसके बाद वह उज्जैन आ गई थी। यहां एक युवक ने उसे प्रेमजाल में फंसाया और फिर धोखा देकर छोड़ गया। सोनू को पहले पति से एक बेटी है। गर्भवती होने के दौरान उसकी मुलाकात प्रमिला और वंदना से हुई। दोनों ने उसे आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया और डिलीवरी का खर्च भी उठाया। इसके बाद बेटे को पालने में असमर्थता जताने पर उन्होंने उसे बच्चा बेचने के लिए राजी कर लिया।
लुटेरी दुल्हन गैंग से भी जुड़ी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि पकड़ी गई महिलाओं के संबंध लुटेरी दुल्हन गैंग से भी हैं। पुलिस के अनुसार इन महिलाओं ने शादी का झांसा देकर झालावाड़ और नामली के दो युवकों से ठगी की थी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने सबसे पहले प्रमिला साहू और वंदना सक्सेना को पकड़ा। ये दोनों नर्सिंग सेंटर चलाती हैं। पूछताछ में दोनों ने पूजा वर्मा का नाम लिया, जो घरों में झाड़ू-पोंछा का काम करती है। पूजा से पूछताछ में नीलम वर्मा का नाम सामने आया, जो विजय नगर स्थित आईवीएफ सेंटर में काम करती है। नीलम ने संतोष शर्मा से संपर्क कर कहा था कि यदि बच्चा हो तो बताना।

मैरिज ब्यूरो चलाती
जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को नीतू शुक्ला के बारे में जानकारी मिली, जो एक मैरिज ब्यूरो चलाती है। नीलम ने ही प्रिया माहेश्वरी से संपर्क किया था। प्रिया के खिलाफ पहले से ही शादी का झांसा देकर एक लाख रुपए ठगने की शिकायत दर्ज है। प्रिया की गैंग में 3-4 महिलाएं शामिल हैं, जो शादी के नाम पर लोगों को ठगती थीं।
प्रिया ने दाहोद निवासी तलाकशुदा महिला सोनू वेद से संपर्क किया, जिसका दो माह का बच्चा था। बच्चे के सौदे की बात सामने आने के बाद इंदौर पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग की धाराओं में मामला दर्ज किया है। प्रिया फरार है, जिसकी तलाश में टीम भेजी गई है।मामले में तीन पुरुष संतोष शर्मा, विजय मोगकार निवासी उज्जैन तथा वीरेश जाटव निवासी मैनपुरी को गिरफ्तार किया है।





