Child Who Ran Away Was Found : आश्रम से भागा बच्चा मिला, भूसे के ट्रक में सो गया, आंख खुली तो उतरा!

पुलिस की पूछताछ में भागने वाले बच्चे ने बताया, पहले भी भाग चुका! 

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Child Who Ran Away Was Found : आश्रम से भागा बच्चा मिला, भूसे के ट्रक में सो गया, आंख खुली तो उतरा!

Indore : खंडवा रोड स्थित अखंड परमानंद धाम आश्रम से भागा मानसिक दिव्यांग बालक से भूसे के ट्रक में सो गया था। इसके चलते पुलिस उसकी जानकारी नहीं निकाल पाई थी। पूछताछ में बच्चे ने यह जानकारी पुलिस को दी।

तेजाजी नगर थाना प्रभारी देवेन्द्र मरकाम ने बताया कि युगपुरुष धाम आश्रम से इस बच्चे आनंद उर्फ अमन को परमानंद आश्रम में शिफ्ट किया गया था। यहां से बच्चा 8 जुलाई की शाम अचानक गायब हो गया था, जिससे आश्रम में हड़कंप मच गया था। पुलिस को आशंका थी कि बच्चे का किसी ने अपहरण कर लिया है। आरोपी तक पहुंचने और बच्चे की जानकारी जुटाने पुलिस ने अपने स्तर पर काफी प्रयास किए। दो-तीन टीमें सार्वजनिक स्थानों पर लगाई। आश्रम के आसपास सीसीटीवी फुटेज खंगाले। किसी भी कैमरे में बच्चे के गायब होने के फुटेज नहीं दिखे। इसके पुलिस की चिंता बढ़ गई। लगातार प्रयासों के बाद शुक्रवार को मरीमाता चौराहा से बच्चा सकुशल बरामद किया।

200 कार चेक की

जब आश्रम के आसपास लगे कैमरे में बच्चा नजर नहीं आया तो पुलिस ने वहां से निकलने वाली 200 के आसपास कारों को रोककर चेक किया। कार चालकों ने किसी बच्चे को लिफ्ट देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस की टीम बालक के झांसी स्थित गांव बबीना पहुंची थी। वहां से भी कुछ ठोस जानकारी हाथ नहीं लग पाई थी।

सागर में दर्ज है गुमशुदगी

बच्चे ने बताया कि वह घर से भागकर सागर आ गया था। यहां सड़कों पर घुमने से उसे अनाथाश्रम वालों ने पकड़ लिया था। यहां से भी वह मौका देखकर भाग गया था। मामले में सागर थाने में बालक की गुमशुदगी दर्ज है। जब पुलिस ने बच्चे गुम होने का वीडियो वायरल किया तो सागर पुलिस ने इंदौर पुलिस से सम्पर्क कर जानकारी दी।

बच्चे ने जो कहानी सुनाई

बच्चे ने पुलिस को बताया कि वह खेलते-खेलते आश्रम में चला गया था। यहां स्लाइडर वाली खिड़की से वह बाहर कूदा। कुछ दूरी पर गौशाला है। वहां भूसे का ट्रक खड़ा था। मैं चुपके से उस ट्रक में चढ़ा और भूसे के अंदर जाकर सो गया। रात में ट्रक बाणगंगा क्षेत्र में रुका तो मैं उतर गया। इसके बाद तीन दिन दुकानों के ओटले पर सोया। भीख मांग कर खाना खाता था।

युगपुरुष धाम में नहीं मिला मौका

बच्चे ने बताया कि वह आश्रम में नहीं रहना चाहता। अपने भाई-भाभी के पास जाना चाहता है। गांव जाने के लिए कई बार उसने युगपुरुष आश्रम से भागने की कोशिश की, लेकिन चौकीदार होने से वह सफल नहीं हो पाया। परमानंद आश्रम में चौकीदार नहीं था, जिससे बालक को भागने में आसानी हो गई।