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Chintan Meeting : kanya vivaah yojana को एकीकृत कर 1 ही विभाग कराएगा
Pachmarhi : मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को ज्यादा बेहतर बनाने और उसमें सुधार किए जाने पर पचमढ़ी की चिंतन बैठक में बात की गई। मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इसका प्रेजेंटेशन किया। इसके बाद कई मंत्रियों ने इस पर अपने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री का कहना था कि अब कन्या विवाह योजनाओं (kanya vivaah yojana)को एकीकृत करके एक ही विभाग द्वारा कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एक बार तिथि तय हो जाए तो तिथि न बदली जाए। क्योंकि, कई बार कुछ स्थानीय समस्याओं के कारण तिथि बदली गई! यहाँ तक कि हल्दी की रस्म होने के बाद भी तिथि बदली गई।
CM ने कहा कि स्थानीय लोगों की समिति भी इसमें मदद करें। अप्रैल माह में इसे पुनः चालू करें। कन्या विवाह की तिथियों का सालभर का कैलेंडर बनाकर जारी किया जाए। आयोजन एक ही स्थान पर रखा जाए।
आयोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और धूमधाम से विवाह करें। उन्होंने यह भी कहा कि क्या कन्याओं को E-Voucher दिए जाने पर भी विचार किया जाए! अब विवाह का प्रमाण-पत्र भी देंगे।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सुझाव दिया कि अपात्र लोग इसका लाभ न ले पाएँ और खरीदारी पारदर्शी तरीके से हो। सुरेश धाकड़ ने कहा कि बारात का बकायदा स्वागत किया जाए और हमारे जनप्रतिनिधि, विधायक बेटियों की विदाई करें। प्रेमसिंह पटेल ने सुझाव दिया कि बेटियों को दिए जाने वाले सामान में बढ़ोत्तरी की जाए।
राजवर्धन सिंह दत्तीगाँव ने कहा कि जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रभारी मंत्री विवाह समितियाँ गठित करें, वह आयोजन से जुड़ें। ST में तड़वी (सामाजिक प्रधान) कराते हैं, तड़वियों को जोड़ें। जिले का जनसम्पर्क विभाग जुड़े। समाज की विभिन्न विवाह समितियों को भी जोड़ें।
कमल पटेल का कहना था कि जो मध्यमवर्ग परेशानी में हैं, उन्हें भी लाभ दें, साथ ही स्थानीय दानदाताओं को इस योजना से जोड़ें। यशोधरा राजे सिंधिया का कहना था कि कुछ लोग इस लाभ से छूट जाते हैं।
व्यवस्था ऐसी करें कि प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिले। इस मंथन में गोपाल भार्गव, गोविंद राजपूत, तुलसी सिलावट सहित अन्य कई मंत्रियों ने भी अपने सुझाव दिए।
महत्वाकांक्षी योजना
‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना(‘kanya vivaah yojana) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना रही है, जिसे देशभर में सराहा भी गया। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां यह योजना प्रारंभ हुई। बाद में कई राज्यों ने इस योजना का अनुसरण किया।
मुख्यमंत्री ने सांसद रहते हुए अपने क्षेत्र में सामूहिक कन्या विवाह शुरू कराया था, जो बाद में अभियान बन गया।
मुख्यमंत्री ने खुद भी कई बेटियों को गोद लेकर उनकी शिक्षा दीक्षा कराकर विवाह कराया व पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ बेटियों का कन्यादान किया है।