Chipko Movement : कपोक के जुड़वा वृक्षों को बचाने के लिए उज्जैन में पहली बार होगा चिपको आंदोलन!

जानिए क्या हैं पूरा मामला!

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Chipko Movement : कपोक के जुड़वा वृक्षों को बचाने के लिए उज्जैन में पहली बार होगा चिपको आंदोलन!

Ujjain : वृक्षमित्र सेवा समिति और उज्जैन की कई पर्यावरण प्रेमी संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में उज्जैन में पहली बार चिपको आंदोलन होने जा रहा हैं। वृक्षमित्र संस्था के अजय भातखंडे ने बताया कि उज्जैन की नई आबादी क्षेत्र फ्रीगंज से पुराने शहर को जोड़ने हेतु समानांतर पुल के नवनिर्माण के चलते 2 शानदार कपोक के विशालकाय एवं सुंदर वृक्षों की बली ली जा रही हैं। अब इन विशालकाय जुड़वा वृक्षों को बचाने के लिए सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं। संस्थाओं द्वारा सरकार के ध्यानाकर्षण एवं बचाव प्रयास करने हेतू बुधवार शाम 4 बजे मानव श्रृंखला बनाकर एवं चिपको आंदोलन करते हुए जिलाधीश उज्जैन को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।

भातखंडे ने बताया कि यह कपोक वृक्ष बेहद अद्भुत हैं। लगभग 100 फुट की उंचाई लिए 60 से 65 वर्ष की आयु वाले ये कपोक के 2 वृक्ष हैं, जो उज्जैन की आन-बान और शान हैं। इस तरह के पूरे शहर में केवल यही वृक्ष हैं। इन वृक्षों को बचाने हेतु आमजन से आंदोलन में शामिल होने की अपील प्रवीण साठे, आशुतोष पंडित, मिलिंद लेले, राजीव पहावा, गोपाल महाकाल, शशांक शुक्ला, प्रवीण बहुलकर, दुर्गेश जोशी, अभिमान विश्वास, अजय तत्वाड़े, हेमंत भाटी, सुधांशु विश्वास एवं समस्त पर्यावरण प्रेमियों ने की है, बता दें कि चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण संरक्षण आंदोलन हैं जो भारत में व्यापक विनाशकारी वृक्षों के कटाई के खिलाफ शुरू किया गया था!