Chirag Shah’s New Fraud : फिनिक्स टॉउनशिप के प्लॉट बेचे, पर कब्ज़ा नहीं दिया

50 से ज्यादा प्लॉट दूसरी कंपनी के डमी डायरेक्टरों को बेच दिए

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Indore : भूमाफिया चिराग शाह के साथ 6 लोगों ने फिनिक्स टॉउनशिप (Phoenix Township) के प्लॉटों को दूसरी कंपनी के डमी डायरेक्टरों को बेचकर फर्जीवाड़ा किया था। लसूड़िया पुलिस ने जिला प्रशासन की शिकायत पर भूमाफिया चिराग शाह (Land Mafia Chirag Shah) सहित सभी 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

आरोप है कि इन सभी आरोपियों ने योजना बनाकर कैलोद हाला स्थित फिनिक्स टॉउनशिप (Phoenix Township at Kailod Halla) के 50 से ज्यादा प्लॉट दूसरी कंपनी के डमी डायरेक्टरों को बेच दिए और फर्जीवाड़ा किया। आरोपियों में भूमाफिया दीपक अग्रवाल की पत्नी स्वाति व किसान गजराजसिंह सोलंकी भी हैं। इस मामले में आरआई मनीष चतुर्वेदी ने पुलिस को एक आवेदन दिया था।

इस आवेदन में बताया था कि आरोपी घनश्यामदास पिता बद्रीप्रसाद अग्रवाल, दीपक पिता रामअवतार अग्रवाल, चिराग पिता विपिन शाह, किसान गजराज सिंह पिता रूपसिंह निवासी कैलोद हाला तथा एंजिल इंफ्राटेक प्रालि के अंकुल पिता सत्यप्रकाश अग्रवाल, स्वाति पति दीपक अग्रवाल ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर फिनिक्स डेवकॉन प्रालि द्वारा डेवलप फिनिक्स टॉउनशिप के प्लाॉटों गड़बड़ियां की।

इस टाउनशिप की लीगल तौर पर टीएनसी (Legally TNC) हो चुकी थी। आरोपी चिराग शाह व अन्य ने इनमें से करीब 50 प्लॉट बिकने के बावजूद उन्हें दीपक अग्रवाल व किसान गजराज सिंह की खेती की जमीन पर प्लॉट बताते हुए अग्रवाल से सांठगांठ कर उसे बेच दी। इन प्लॉटों को दीपक अग्रवाल ने एंजिल इन्फ्राटेक की डायरेक्टर व अपनी पत्नी स्वाति अग्रवाल के नाम करा लिया।

आरोपी दीपक ने किसान गजराज सिंह की खेती की जमीन में से 26 प्लॉटों का अवैध मुख्तारनामा (Illegal Power of Attorney of 26 Plots) तैयार करने के साथ फर्जी लेनदेन दिखाकर खुद की कंपनी व पत्नी स्वाति के नाम रजिस्ट्री कर दी। इन प्लॉटों को बेचने के बाद भी संबंधितों को कब्जा नहीं दिया और वहां खेती ही चलती रही।

दीपक अग्रवाल द्वारा कराई गई रजिस्ट्रियां वास्तव में चिराग शाह ने खरीदी। इसके लिए दीपक अग्रवाल को डमी के रूप में उपयोग किया गया। इसमें आरोपी दीपक, चिराग व गजराजसिंह द्वारा कॉलोनी की जमीन हड़पने तथा जिन लोगों ने उक्त प्लॉटों को खरीदा था उन्हें उनसे वंचित रखकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरी कंपनी में हस्तातंरण किया गया। जांच के बाद आरआई मनीष चतुर्वेदी ने आवेदन लसूड़िया थाने पर दिया जिस पर पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।