Cholera Spread Through Water : आश्रम के बच्चों में टैंकर के पानी से हैजा फैला, पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया मिला!

प्रशासन को गुरुवार देर रात मिली पानी की जांच रिपोर्ट, हॉस्टलों का पानी भी प्रदूषित!   

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Cholera Spread Through Water : आश्रम के बच्चों में टैंकर के पानी से हैजा फैला, पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया मिला!

Indore : अब इस बात की पुष्टि हो गई कि रामचंद्र नगर स्थित मानसिक दिव्यांग युग पुरुष धाम आश्रम में रहने वाले मानसिक, दिव्यांग में 6 बच्चों मौत का कारण हैजा (कॉलरा) था। क्योंकि, 15 दिन से आश्रम के बच्चे टैंकर का गंदा पानी पी रहे थे। जांच में इस पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया पाया गया। गुरुवार रात तक प्रभावित बच्चों की संख्या 60 हो गई।

देर रात पानी की रिपोर्ट गुरुवार देर रात प्रशासन को मिली। आश्रम में बच्चे ऐसा पानी पी रहे थे जिसे जांच में किसी उपयोग के लायक नहीं माना है। गर्ल्स व बॉयज होस्टल से चार सैंपल लिए गए थे। इनमें से तीन में बैक्टीरिया पाया गया। गर्ल्स होस्टल और बॉयज होस्टल से आरओ मशीन और बोरिंग के पानी के कुल चार सैंपल्स लिए थे।

संस्था के परिसर का बोरिंग खराब होने से करीब दो हफ्ते तक टैंकर के जरिए पानी बुलाया जा रहा था। यही पानी बच्चों को भी पीने के लिए दिया जा रहा था। 12 बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर डिस्चार्ज कर दिया। इन्हें प्रशासन ने अपनी कस्टडी में लेकर अन्य स्थान पर रेफर किया है। 48 बच्चों का अभी चाचा नेहरु अस्पताल में इलाज चल रहा, इनमें से 3 बच्चे आईसीयू में हैं।

 

जांच में आश्रम और हॉस्टलों का पानी अशुद्ध मिला

स्वास्थ्य विभाग की ही डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ लैबोरेटरी (डीपीएचएल) में इनकी जांच हुई। 48 घंटे बाद देर रात चारों रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी गई। जिसके मुताबिक गर्ल्स होस्टल में आरओ, बोरिंग और बॉयज होस्टल में बोरिंग का पानी पीने योग्य बिलकुल नहीं था। वहीं वॉश एरिया के पानी में बैक्टीरिया पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कॉलीफॉर्म काउंट 10 से ज्यादा आया है, जिसे पीने या अन्य उपयोग लायक नहीं माना जाता है।

यहां के पानी में कॉलीफार्म बैक्टीरिया भी पाया है। एमपीएन काउंट भी जीरो नहीं है। यदि पानी में एमपीएन काउंट आ रहा है तो इसका मतलब पानी में सीवेज या अन्य पैथोजेन मिल रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि पानी में कुछ दूषित पदार्थ गया है। आश्रम के परिसर स्थित आश्रम में 200 बच्चों के अलावा हॉस्पिटल में भी पानी की आवश्यकता पड़ती है। इस लिहाज से करीब 6000 लीटर के टैंकर पानी लेकर यहां आते थे। आश्रम संचालिका ने टैंकर से पानी पिलाने की बात को स्वीकार भी किया।

बोरिंग ख़राब होने से बाहर से टैंकर मंगवाया 

आश्रम के संचालिका अनीता शर्मा ने कहा कि ये बात सही है कि संस्था का बोरिंग खराब हुआ था। लेकिन, उसे जल्द सुधार करवा दिया गया। हमारे द्वारा 2-3 बार जरूर टैंकर से पानी बुलवाया गया था। संस्था की बोरिंग खराब होने के कारण इस पानी से खाने-पीने के साथ अन्य उपयोग में लिया जा रहा था। प्रशासन की रिपोर्ट में भी पानी और खाने में गड़बड़ी होने की बात सामने आई। 11 बच्चों में हैजे के संकेत की पुष्टि हुई। यह बीमारी खराब पानी पीने के चलते ही होती है।

पहले बच्चे की मौत पर जानकारी नहीं दी 

पूरी घटना पर लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने आश्रम संचालक को शोकाज नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है। कलेक्टर ने इस बात को माना कि अगर संस्था पहले बच्चे की मौत के बाद ही जानकारी दी जाती तो इतने गंभीर हालात नहीं बनते। युग पुरुष धाम आश्रम में बच्चों को लेकर प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। 30 जून को हुई पहली मौत की वजह संस्था ने मिर्गी को मान लिया और प्रशासन को सूचना नहीं दी। इसके बाद 24 घंटों में एक के बाद एक 2 मौतें हो गईं। प्रबंधन ने इसकी जानकारी छिपाई। नतीजा ये रहा कि 48 घंटे के अंदर ही 2 बच्चों की और जान चली गई।