उज्जैन में 15 और 16 जून को क्षिप्रा परिक्रमा, गंगा दशमी से जुड़ेंगे नागरिक,पवित्र क्षिप्रा नदी को की जायेगी चुनरी अर्पित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी ली

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उज्जैन में 15 और 16 जून को क्षिप्रा परिक्रमा, गंगा दशमी से जुड़ेंगे नागरिक,पवित्र क्षिप्रा नदी को की जायेगी चुनरी अर्पित

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन में आगामी 15 एवं 16 जून को नवमी एवं दशमी पर क्षिप्रा परिक्रमा के कार्यक्रम होंगे। रामघाट से यात्रा प्रारंभ होगी जो दत्त अखाड़ा, त्रिवेणी, गढ़ कालिका और गोमती कुंड जैसे पवित्र स्थलों से निकलेगी। आम जन द्वारा पवित्र क्षिप्रा नदी को चुनरी अर्पित की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम जन शामिल होते इसलिये यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यक्रम पारंपारिक उल्लास के साथ संपन्न हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज मंत्रालय में हुई बैठक में क्षिप्रा परिक्रमा, गंगा दशमी कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 16 जून की शाम रामघाट, दत्त अखाड़ा क्षेत्र में होने वाले सांस्कृतिक आयोजन के स्वरूप की जानकारी प्राप्त की। यह कार्यक्रम महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ तरफ से होगा। इस अवसर पर शिप्रा नदी के महत्व और उसके सांस्कृतिक वैभव की जानकारी देने वाली विशेष पुस्तिका का लोकार्पण भी होगा। सदानीरा केंद्रित ऑडियो-वीडियो सीडी का लोकार्पण भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिप्रा परिक्रमा, गंगा दशमी कार्यक्रम के गरिमामय आयोजन के साथ ही प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों जैसे नर्मदा जी, चंबल, ताप्ती, सोन, सिंध और बेनगंगा आदि के तट पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी और जलक्रीड़ा गतिविधियों के संचालन के निर्देश दिए। इसके साथ ही नदियों के किनारे स्थित देव स्थलों की सफाई और मंदिर परिसर की स्वच्छता के कार्य किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत बीस वर्ष से क्षिप्रा परिक्रमा, गंगा दशमी का आयोजन हो रहा है जिसमें समाज का प्रबुद्ध वर्ग, आम नागरिक और इतिहास पुरातत्व के विद्ववान भी शामिल होते हैं। यह सामाजिक समरसता का प्रतीक पर्व भी है। भजनों की प्रस्तुति और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम इसकी विशेषता है।इस समृद्ध परंपरा को पूरे प्रदेश में विस्तारित करते हुए नागरिकों की भागीदारी से अन्य नदियों के घाटों पर भी आयोजन करने की कल्पना को साकार किया जाए।

बैठक में ऐतिहासिक एवं पारंपरिक जल संरचना के संरक्षण संवर्धन पर अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी एवं विकास और जल संसाधन विभाग, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, आयुक्त उज्जैन संभाग तथा न्यासी सचिव वीर भारत न्यास के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी गण एवं जिला उज्जैन के सामाजिक कार्यकर्ता ऑनलाइन जुड़े।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिवशेखर शुक्ला और निदेशक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ श्री श्रीराम तिवारी ने क्षिप्रा परिक्रमा की तैयारियों पर प्रजेंटेशन दिया।

जल संरक्षण का लोकव्यापी अभियान चलेगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के निकट पवित्र शिप्रा सहित प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों और तालाबों तथा जल संरचनाओं के संरक्षण पर निरंतर कार्य पर जोर दिया और जल संरक्षण के लिए लोकव्यापी अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश की लगभग 212 नदियों , जल संरचनाओं और जो पारंपरिक जलस्रोत रहे हैं (वर्तमान में विलुप्त हो चले हैं) सभी की सैटेलाइट मैपिंग करवा कर प्राचीन वांग्मय,परंपरा, के संदर्भों के साथ सर्वे आधारित डाक्यूमेंटेशन विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद तथा वीर भारत न्यास का प्रकाशन किया जाएगा। ⁠पूरे राज्य में नदियों के आसपास मंदिरों,पुरासम्पदा, जलीय जीवों के जीर्णोद्धार संरक्षण की दिशा में पहल की जाएगी। गंगा दशमी पर पारंपरिक शिप्रा परिक्रमा को अब बड़े स्तर पर संयोजित किया जायेगा। आगामी वर्ष, वर्ष प्रतिपदा से जो सृष्टि के निर्माण का दिन है तथा उज्जैन गौरव दिवस भी और विक्रम संवत् का प्रथम दिन भी है, इस तिथि से उज्जैन सहित पूरे मध्यप्रदेश में जल संरक्षण का लोक व्यापी अभियान चलाया जाएगा।