Civil Service Topper तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए, घर से 4.73 लाख रुपये भी बरामद  

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Civil Service Topper तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए, घर से 4.73 लाख रुपये भी बरामद

Sambalpur:ओडिशा के संबलपुर जिले में तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा, जो पहले युवाओं के लिए प्रेरणा थे, अब रिश्वत लेने के गंभीर आरोपों में फंसे हैं। विजिलेंस ने उन्हें किसान से घूस लेते रंगे हाथों पकड़कर उनके घर से भारी नकदी जब्त की।

29 साल के तहसीलदार अश्विनी कुमार पंडा की कहानी कुछ साल पहले तक एक प्रेरणा कथा थी। बिना किसी कोचिंग के ही उन्होंने 2019 में ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था। जाजपुर जिले के खेतरपाल गांव के रहने वाले अश्विनी ने अपनी मेहनत और काबिलियत से कई युवाओं के लिए मिसाल कायम की थी।

उनका सरकारी करियर अच्छा चल रहा था, लेकिन 12 सितंबर 2025 को संबलपुर जिले के बामड़ा क्षेत्र में विजिलेंस टीम ने उन्हें रिश्वत लेते आरोपित कर धर दबोचा। एक किसान के द्वारा जमीन का नामांतरण कराने के एवज में वे 20,000 रुपये रिश्वत मांग रहे थे। विजिलेंस ने शिकायत के बाद जांच शुरू की और उनके ड्राइवर प्रवीण कुमार के माध्यम से 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए तहसीलदार को पकड़ा।

साथियों को पकड़ने के बाद उनके घर पर भी छापा मारा गया, जहां से 4.73 लाख रुपये नकद बरामद हुए। विजिलेंस अधिकारियों ने इस रकम की स्रोत पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी है।

अश्विनी ने जनकल्याण हाई स्कूल से पढ़ाई की, रेवेंशा विश्वविद्यालय से साइंस में प्लस टू किया और 2015 में ब्रह्मपुर के एक कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इंजीनियरिंग के बाद वे दिल्ली में तीन साल नौकरी करते रहे। 2018 में नौकरी छोड़कर सरकारी सेवा की तैयारी करने लगे और 2019 में ओडिशा सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल की। ऐसे अफसर की गिरावट ने लोगों को झटका दिया है।

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर भारी आलोचना हो रही है, जहां लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर टॉपर्स भी भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाएं, तो आम जनता किस पर भरोसा कर सकती है।

इस मामले में विजिलेंस ने आरोपित तहसीलदार और उनके ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।