Clean Climate : Indore में 10 स्थानों पर सबसे ज्यादा प्रदूषण, एक्शन प्लान बनाया

502

Indore : शहर की वायु गुणवत्ता (Air Quality) में सुधार के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) में पारित आदेश के अनुसार एक्शन प्लान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। BRTS सहित शहर के दस चौराहों व स्थानों पर सबसे ज्यादा प्रदूषण देखा जा रहा है। इसे कम करने के लिए अब दो महीने का एक्शन प्लान (Action Plan) तैयार किया गया है।    IMG 20211102 WA0153

पलासिया चौराहा, एमआईजी चौराहा, विजयनगर चौराहा, इंदौर रेलवे स्टेशन, लसूड़िया मोरी (Dewas Naka), भंवरकुआं चौराहा, गंगवाल बस स्टैंड चौराहा, लवकुश चौराहा व महू नाका में अधिक प्रदूषण मिला है। Commissioner डॉ पवन कुमार शर्मा ने प्रदूषण कम करने की दिशा में सभी संबंधित विभागों को एक्शन मोड में आने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया शहरों में सोर्स अर्पोसमेंट स्टडी में प्रमुख कारणों को चिह्नित किया गया है। इसमें रोड डस्ट (वाहनों के खराब सड़कों पर आवागमन, री-सस्पेंशन ऑफ रोड डस्ट), व्हीकल से होने वाले इमीशन, रेसीडेंशियल स्लम एरिया इमीशन, कचरे व बायोमास को जलाने से उत्पन्न धुआं, भवन निर्माण, सड़क निर्माण, विभिन्न पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है।
डंठल और कचरा-पत्तियां जलाने पर कार्रवाई
बायोमास फसलों के डंठल, कचरा पत्तियां खुले में जलाने पर कार्रवाई की जाएगी। दस वायु (विंड ऑग्मेंटेशन एवं प्यूरीफिकेशन) यूनिट स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही क्लीन फ्यूल के अंतर्गत 400 CNG बसें ली जाएंगी और सड़कों के साथ-साथ साइकिल ट्रैक का निर्माण किया जाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। Action Plan के अंतर्गत कार्यों की समीक्षा के लिए Commissioner की अध्यक्षता में सिटी स्तर पर समिति गठित है। इसमें प्रमुख रूप से उक्त एक्शन प्लान की मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेंटेशन अंतर्गत आवंटित राशि का उपयोग योजना में किया जाकर निर्धारित समय में कार्य पूरा किया जाएगा।
शहर के करीब 15 किमी मेजर रोड को रिपेयर व री-कंस्ट्रक्शन के लिए चिह्नित किया गया है। साथ ही सभी पेवमेंट को पक्का किया जाएगा। रोड के चौड़ीकरण व डिकन्जेशन के लिए सुधार, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलेशन सुविधा विकसित करना व निर्माण सामग्री ढंके हुए कंटेनर में भेजने की व्यवस्था की जाएगी। बाग-बगीचे, सामुदायिक केंद्र, स्कूल व हाउसिंग सोसायटी के ओपन एरिया में हरियाली विकसित करना, सूखे कचरे के जलाने पर नियंत्रण व नियमित जांच करना होगी। बायोमास का प्रभावी एकत्रीकरण कर खाद्य के रूप में उपयोग किया जाना, अत्यधिक ट्रैफिक वाले चौराहों पर पानी के फव्वारे लगाए जाएंगे।