Clean Indore : पांचवीं बार भी ख़िताब मिलने की उम्मीद

- 20 को नवंबर को दिल्ली में होने वाले समारोह का आमंत्रण मिला

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Clean Indore : पांचवीं बार भी ख़िताब मिलने की उम्मीद

Clean Indore : पांचवीं बार भी ख़िताब मिलने की उम्मीद

Indore: स्वच्छता में लगातार पांचवीं बार इंदौर परचम फहरा सकता है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय (Union Ministry of Urban Development) नगर निगम को इस पुरस्कार से नवाजेगा। 20 नवंबर को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने नगर निगम अधिकारियों को न्योता मिला है। अगर ऐसा होता है तो इसके बाद निगम न सिर्फ देश, बल्कि विदेश में नया इतिहास बनेगा।

Clean Indore : पांचवीं बार भी ख़िताब मिलने की उम्मीद

निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि सालभर पहले जब मैं यहां आई थी, तभी से स्वच्छता अभियान को लेकर प्रयासरत रही। रोज अन्य कामों के बीच सुबह-शाम सफाई को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देती रही। समय-समय पर सफाई कार्य का निरीक्षण भी किया। इस दौरान जहां भी कमी नजर आई, उसे तत्काल दुरुस्त कराया। इस काम में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई भी गई है। कई बार खुद लोगों से सफाई को लेकर फीडबैक लिया, उनकी समस्याएं सुनी और उसका निराकरण कराया!

Clean Indore : पांचवीं बार भी ख़िताब मिलने की उम्मीद

परिणाम वार्ड का कचरा वार्ड में ही निष्पादित होने लगा। इससे कचरा संग्रहण गाड़ियों के ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाने का खर्च भी बच गया। तत्कालीन निगम आयुक्त मनीष सिंह ने चार साल पहले कचरा पेटियां हटाकर अभियान की शुरुआत की। तब लोग कहते थे कि पेटियां हटाने से गंदगी और विकराल रूप लेगी! लेकिन, लोगों के कयास काम नहीं आए। कचरा संग्रहण करने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की गई, जो डोर टू डोर जाकर गीला और सूखा कचरा उठाने लगी।

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प्रारंभिक दिनों में लोग गाड़ियों में कचरा डालने से बचते रहे, बाद में उनकी आदत में आ गया। गाडियों के निर्धारित समय पर आने का लोग इंतजार करते हैं। आयुक्त ने कहा कि जिस तरह से निगम ने चार साल सफाई को लेकर काम किया है, उसे आगे भी करते रहें। कोई भी अधिकारी आए, उसकी प्राथमिकता स्वच्छता अभियान ही रहेगी।

Clean Indore : पांचवीं बार भी ख़िताब मिलने की उम्मीद

इसलिए फिर बनेगा No 1
(1) सीवरेज के पानी की ट्रीट कर उसका फव्वारों और खेतों में उपयोग।
(2) नदियों में सीवरेज पानी जाने से रोकना।
(3) गीले कचरे से सीएनजी तैयार करने की योजना।
(4) प्लास्टिक व वेस्ट कचरे से उपयोगी वस्तुएं तैयार करना।
(5) डिस्पोजल व प्लास्टिक के स्थान पर बर्तन बैंक शुरू करना।

सेवन स्टार में भी भारी
शहरी विकास मंत्रालय (Ministry of Urban Development) की टीम ने मार्च में 15 दिनों तक स्वच्छता सर्वे (Cleanliness Survey) किया था। इस दौरान नदियों, सड़कों, गलियों, शौचालयों की सफाई के साथ ही कचरा संग्रहण की प्रक्रिया देखी थी। शहर के 56 दुकान पर नो डिस्पोजल जोन, नालों को खेल के मैदान में तब्दील करने के प्रयासों से निगम को दो माह पहले सेवन स्टार रैंकिंग का तमगा मिल चुका है। इसमें भी निगम ने पांचवीं बार बाजी मारी है।