साफ करो मन का मैल… जीतेंगे महाविजय‌ का खेल…

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साफ करो मन का मैल… जीतेंगे महाविजय‌ का खेल…

साल 2023 में भाजपा दो तिहाई बहुमत से महाविजय कर ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी और 2024 में छिंदवाड़ा समेत प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीट पर जीत का इतिहास बनाएंगे। इस मंत्र पर अमल करना है,पांव में चक्कर मुंह में शक्कर सीने में आग और माथे पर बरफ। पांव में चक्कर यानि लगातार प्रवास, मुंह में शक्कर यानि बोलने में मिठास, सीने में आग यानि लक्ष्य पाने का ठोस प्रयास और माथे पर बरफ यानि कार्यकर्ताओं की बात बिल्कुल शांत और शीतल दिमाग से सुनो ताकि कार्यकर्ता के मन में न रह पाए कोई खटास। प्रेम बरसा दो और सभी से आनंद से मिलो। पांव में चक्कर मतलब परिश्रम की पराकाष्ठा करनी है। उदाहरण बतौर मैं सामने हूं। परिश्रम की पराकाष्ठा कर 18-19 घंटे रोज काम करता हूं। हमारा लक्ष्य पदाधिकारी विधायक, सांसद, मंत्री या मुख्यमंत्री बनना या सत्ता पाना नहीं, बल्कि राष्ट्र को परम वैभव पर लेकर जाना है। इसके लिए जरूरी है कि ऐसी बाणी बोलिए मन का आपा खोय, औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय।

यह मन की बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विस्तारित प्रदेश भाजपा कार्यसमिति में मौजूद सांसद, विधायक, मंत्री, पदाधिकारी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों सहित सभी आमंत्रितों से कही। संकल्प दिलाया और हाथ में हाथ मिलाकर मन से मन मिलाकर महाविजय में सहभागी बनने का महाआह्वान किया। भरोसा जताया कि अगली विस्तारित बैठक महाविजय के बाद करेंगे। संदेश यही था कि हाथ से हाथ मिलाते चलो, मन का मैल हटाते चलो…प्रेम की गंगा सभी कार्यकर्ताओं में बहाते चलो और सरकारी उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाते चलो। शब्द भले ही सधे हुए हों, लेकिन शिवराज ने विधायक, सांसद, मंत्रियों और जिम्मेदारों को आइना दिखाने का काम कर दिया है।

वास्तविक मैदानी स्थिति से रूबरू करा दिया और कार्यकर्ताओं में जो असंतोष है, उसे दूर करने की नसीहत साफ तौर पर दी है। भाजपा का परम लक्ष्य परिभाषित कर यह साफ संकेत दे दिए हैं कि आगामी समय में जिनके टिकट कटें, वह इस मंत्र को याद कर संतुष्ट हो जाएं कि भाजपा में विधायक, सांसद बनना मात्र ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए। यह भी बता दिया है कि कांग्रेस और कमलनाथ के खिलाफ तो उनके तरकस में बहुत तीर हैं, लेकिन जरूरी यही है कि अपने लोग माथे पर बरफ रखकर महाविजय की तरफ दौड़ लगा दें। बाकी  अपने दिमाग से कर्नाटक का कचरा साफ कर लें। मध्यप्रदेश को किसी भी हालत में कर्नाटक फर्नाटक नहीं बनने दिया जाएगा। हवाई चप्पल पहनने वाला गरीब हवाई जहाज में तीर्थ यात्रा करेगा। लाड़ली लक्ष्मी का परिणाम सामने है, लिंगानुपात 972 तक पहुंच गया है। गरीब बच्चों की लाखों रुपए फीस सरकार भर रही है और लाड़ली बहना, लर्न एंड अर्न जैसी योजनाओं, किसानों की भरपाई समेत सारे काम भाजपा सरकार कर रही है। यानि कि भाजपा कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने में जिम्मेदार जुटें और विवेकानंद की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आदर्श मान महाविजय का वरण करें।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भी सार रूप में साफ किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 30 मई को अपने 9 साल पूरे कर रही है। इस अवसर पर 30 मई से 30 जून तक विशेष जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि इस अभियान को सफल बनाने में पूरी ताकत से जुट जाएं और घर-घर जाकर बंटाढार युग का सच और भाजपा की विकास गाथा लोगों को बताएं। हमारा नेतृत्व आदर्श है, जिसने देश और प्रदेश में इतिहास रचा है। हमें अपने नेतृत्व पर गर्व है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में अपना स्थान बनाया है, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी मेहनत और संवदेनशीलता से जनता का विश्वास जीता है। संदेश यही था कि अब जिम्मेदारी हमारी है कि विश्वास को महाविजय में बदलकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने की तरफ कदम बढ़ाएं और फिर इतिहास रचें। तो कांग्रेस, कमलनाथ और दिग्विजय पर भी निशाना साधा कि फूट डालो और राज करो की नीति कांग्रेस के खून में है। छल-कपट की राजनीति करने वाले, प्रदेश को दुरावस्था में ढकेलकर बंटाढार करने वाले कांग्रेस के दिग्विजयसिंह जैसे नेता आज फिर झूठ परोस रहे हैं। ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जिनके बारे में कांग्रेस सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने कहा था कि ये सबसे बड़े भमाफिया, शराब माफिया और रेत माफिया हैं। 15 महीने की कांग्रेस सरकार के एक और मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा था कि भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि टीआई रेट तय करते हैं और पैसा ऊपर तक जाता है। इन्होंने वल्लभभवन को दलाली का अड्डा बना दिया था। भ्रष्टाचार और देशद्रोह इनके जींस में है। देश में आपातकाल लगाने में कमलनाथ की बड़ी भूमिका रही है।

राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पदाधिकारियों में जोश भी भरा और होश में रहने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि यह स्व. कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा सींची गई खेती है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी जब भी किसी जिले में जाएं, तो उन बुजुर्ग कार्यकर्ताओं से अवश्यक मिलें, जिन्होंने प्रदेश में संगठन को खड़ा करने में योगदान दिया है। उन्होंने कर्नाटक चुनाव परिणाम का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 37 सीटें ऐसी रही हैं,  जिनमें पार्टी प्रत्याशी मात्र 500 से 9000 वोटों से पराजित हुए हैं। यानि कि कर्नाटक जैसे हालात नहीं होंगे यदि कार्यकर्ताओं की संतुष्टि का ख्याल जिम्मेदार रखेंगे और तब सरकार की योजनाओं को लेकर अगर प्रदेश के सभी कार्यकर्ता मैदान में उतर जाएं, तो ही जीत सुनिश्चित है।

भाजपा की विस्तारित कार्यसमिति का सार यही है कि गड़बड़ियों को सुधारकर सच्चे मन और पूर्ण समर्पण भाव से मैदान में मोर्चा संभालना बेहद जरूरी है।महाविजय का महाघोष कार्यसमिति में हो चुका है। इसे फलीभूत करना कार्यकर्ताओं के हाथ में है और आम कार्यकर्ताओं को भरोसे की कसौटी पर खरा उतारने के लिए यह जरूरी है कि खास यानि पदों पर बैठे कार्यकर्ता आसमान से उतरकर जमीन पर आकर परिश्रम की पराकाष्ठा प्रेम और आनंद भाव से करें। यानि कि साफ करो मन का मैल… जीतेंगे महाविजय‌ का खेल…।