Cleaning Campaign Failed : शहर का सफाई अभियान मेन रोड तक सीमित, कॉलोनियों पर नजर नहीं
Indore : छह बार से स्वच्छता में अव्वल इंदौर इस बार पिछड़ता नजर आ रहा है। दो-तीन साल से यह स्वच्छता अभियान में सिर्फ मेन रोड पर ही सिमट रहा है। निगम का सफाई अमला न तो कॉलोनियों की बैक लेन में झांकता है और न कॉलोनियों की सफाई व्यवस्था पर किसी की नजर है। जिन कॉलोनियों में पानी की नई पाइप लाइन डाली गई, वहां गड्ढे तक नहीं ठीक से नहीं भरे गए।
शहर की कई कॉलोनियों की बैक लेन में कचरा और गंदगी भरी पड़ी है। इससे न केवल माहौल खराब हो रहा है, बल्कि मच्छर और अन्य बीमारियां भी फैल रही हैं। जानकारों के अनुसार शहर के 85 वार्डों में सैकड़ों कॉलोनियां ऐसी हैं, जिनमें बैक लेन हैं। वैसे तो बैक लेन घरों में प्रकाश व्यवस्था बनाए रखने और अन्य कारणों से बनाई जाती हैं, लेकिन कुछ सालों से बैक लेन सिर्फ कचरा फेंकने के काम आ रही हैं।
स्वच्छता अभियान की शुरूआत में नगर निगम ने बैक लेनों की सफाई पर जोर दिया था। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए थे, लेकिन दो-तीन साल से बैक लेनों की सफाई फिर बंद कर दी गई। इसके बाद बैक लेनों में कचरा और गंदगी भरी है।
ऐसा नहीं है कि निगम के पास सफाई अमला नहीं है, बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि निगम अमले की सफाई के प्रति संकल्प शक्ति अब खत्म होती जा रही है। तभी तो लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी शहरवासियों को गंदा माहौल मिल रहा है।
सफाई की निगरानी तक नहीं
शहर में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए नगर निगम ने एनजीओ हायर कर रखे हैं। इनके कर्मचारी कचरा गाड़ियों सहित अपने क्षेत्र में फैली गंदगी और कचरे की जानकारी संबंधित झोनल कार्यालय पर देते हैं, लेकिन लाखों रुपए हर महीने लेने के बाद भी न तो कभी एनजीओ के कर्मचारी ही दिखाई पड़ते हैं और न निगम के कर्मचारी, जो इस कचरे-गंदगी की जानकारी झोन पर दे सकें।