CM Annied: PWD और नगर निगम पर नाराज़ CM शिवराज, बोले-सड़कों की ऐसी दुर्गति होगी, मैंने कल्पना नहीं की थी
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सड़कों की ऐसी दुर्गति होगी, यह मैंने कल्पना नहीं की थी। सड़कों का सुधार 15 दिन में किया जाए और जिन ठेकेदारों ने सीवेज और पाइप लाइन के लिए सड़कों की खुदाई कर रेस्टोरेशन की कार्यवाही नहीं की है, उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। इस मामले में लापरवाह अफसरों पर भी जिम्मेदारी तय की जाए।
सीएम चौहान ने यह नाराजगी बुधवार सुबह लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे कल रात में वे राजधानी की सड़कों पर निकले थे। हमीदिया रोड से होकर शाहजहानाबाद होकर वे कई मार्गों से गुजरे और सड़कों की जो दुर्गति देखी, उसकी कल्पना नहीं थी। उन्होंने अफसरों से तल्ख लहजे में पूछा कि इन सड़कों की जिम्मेदारी किसके पास है? साथ ही कहा कि जो भी एजेंसी है, उसके अफसरों पर जिम्मेदारी तय की जाए और रिपोर्ट दी जाए। सीएम चौहान ने कहा कि भोपाल की सड़कों की यह हालत है तो जिलों में क्या होगा? उन्होंने कहा कि सड़कों को तुरंत दुरुस्त किया जाए।
*ठेकेदारों पर कार्रवाई करें*
सड़कों के रखरखाव के लिए नगर निगम और पीडब्ल्यूडी परस्पर समन्वय कर कार्य करें। सीवरेज और पानी की पाइप लाइन के लिए खोदी गई सड़कों का रिस्टोरेशन जिन ठेकेदारों ने नहीं किया है, उन पर कार्यवाही की जाए। मैं एक पखवाड़े के बाद पुन: सड़कों का निरीक्षण करूंगा। बैठक में बताया गया कि तुलनात्मक रूप से पिछले चार माह में अधिक वर्षा के कारण सड़कें प्रभावित हुई हैं। बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई तथा प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए। सुबह सीएम निवास पर हुई बैठक में नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए।
*ग्वालियर में सड़कों की हालत से दुखी मंत्री नहीं पहन रहे जूते चप्पल*
प्रदेश में सड़कों की दुर्दशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्वालियर में शिवराज कैबिनेट के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सड़कों की हालत से दुखी होकर जूते चप्पल पहनना छोड़ दिया है। उनके बार-बार निरीक्षण के बाद भी सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरे जा रहे हैं। इसी तरह की स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी है। सरकार द्वारा सड़कों की दशा सुधारने के लिए अनुपूरक बजट में राशि का प्रावधान किए जाने के बाद भी सड़कों की हालत बदतर बनी है जो दुर्घटना की वजह बन रही है।