CM Helpline: छिंदवाड़ा नंबर वन, मऊगंज फिसड्डी,भोपाल, इंदौर प्रतिशत में पिछड़ा, दोनों शहरों में 2800 शिकायतों का हुआ निराकरण
भोपाल:सीएम हेल्पलाइन में अप्रैल महीने में छिंदवाड़ा पुलिस ने जबरदस्त काम किया। इसके चलते वह यहां पर आने वाली शिकायतों के निराकरण में नंबर एक पर आया है। वहीं पिछले साल बने मऊगंज जिला फिसड्डी साबित हुआ है। वह 55 वें नंबर पर है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम वाले भोपाल और इंदौर सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों में से 2800 शिकायतों को हल करने के बाद भी प्रतिशत में सुस्त साबित हो गया। ये दोनों शहर शुरूआती दस जिलों में शामिल नहीं हैं।
अप्रैल के महीने में छिंदवाड़ा पुलिस से संबंधित सीएम हेल्पलाइन में 484 शिकायतें आई थी। इसमें से 92.43 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण किया गया। दरअसल इन शिकायतों को हल करने के लिए यहां के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया। उन्होंने बीट प्रभारी, थाना प्रभारी, डीएसपी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक तक पांच स्तर पर इन शिकायतों तक के अफसरों को निर्देश दिए कि शिकायत पर बारीकी से अवलोकन करने के बाद शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत मुलाकात कर उनकी समस्या पूरी तरह से सुने और उसका कैसे निराकरण हो सकता है, इस पर तत्काल विचार किया जाए। हर एक शिकायत पर वरिष्ठ अफसर भी लगातार अपडेट लेते रहे इसके भी निर्देश एसपी ने दिए। इसके बाद अप्रैल में एक-एक शिकायत पर काम हुआ। अफसर लगातार हर शिकायत का प्रतिदिन का अपडेट लेते रहे। यह योजना अंत में रंग लाई और जिले में पुलिस से संबंधित 92.43 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया। जब मई महीने में अप्रैल की शिकायतों को लेकर ग्रेडिंग सामने आई तो छिंदवाड़ा जिला सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने में 55 जिलों में अव्वल आया।
रतलाम, मऊगंज फिसड्डी
प्रदेश के 55 जिलों में सबसे फिसड्डी मऊगंज जिला आया है। यहां पर अप्रैल में 186 शिकायतें थी। जिसमें से 56.63 प्रतिशत ही निराकृत हो सकी। वहीं रतलाम का नंबर 54 वां है। यहां पर 367 शिकायतें थी। उनमें से 61.57 प्रतिशत का ही निराकरण किया गया।
सबसे ज्यादा शिकायतें इंदौर-भोपाल में
सीएम हेल्प लाइन में आने वाली शिकायतों के निराकरण करने में पुलिस कमिश्नर सिस्टम वाले दोनों शहर भोपाल और इंदौर सुस्त नजर आ रहे हैं। दरअसल इन दोनों शहरों ने बाकी सभी जिलों की तुलना में कई गुना ज्यादा शिकायतें आती है। इंदौर में 2014 और भोपाल में 1737 शिकायते आई थी। जबकि भोपाल ने 77.3 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण हुआ और बीसवे नंबर पर आया। यहां पर 1342 शिकायतों का निराकरण किया गया। वहीं इंदौर ने 72.59 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण किया। यहां पर 1460 शिकायतों को हल किया गया। दोनों ही शहरों से सबसे ज्यादा संख्या में शिकायतों को निराकृत किया, हालांकि प्रतिशत के हिसाब से दोनों शहर खासे पीछे हैं।