CM शिवराज 4 दिसम्बर को पातालपानी जाकर इंडियन रॉबिन हुड टंट्या मामा भील की कर्म-स्थली पर करेंगे नमन

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भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 4 दिसम्बर को टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस पर इंदौर जिले में उनकी कर्म-स्थली पातालपानी पहुँचकर नमन करेंगे।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे टंट्या भील

बताते हैं कि अनेक तरह के पशु पक्षियों की आवाज निकालने में माहिर टंट्या भील खुशी-खुशी फांसी का फंदा चूमे थे ।उनसे अंग्रेज सैनिक थर्राते थे। उन्होंने देश के स्वाभिमान और स्वतंत्रता के मूल्य से लोगों को अवगत करवाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर बहुत जतन किए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के शब्दों में

हम सभी के श्रद्धा के केंद्र, जनजातीय गौरव, देश के स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक, क्रांतिकारी बलिदानी टंट्या मामा भील सभी के लिये पूज्यनीय हैं। उनके द्वारा स्तंत्रता आंदोलन में जो सहयोग दिया गया वह आज भी हमें प्ररेणा देता है। ऐसे महानायक को उनके बलिदान दिवस पर मैं उनकी कर्म-स्थली पातालपानी जाऊँगा और उन्हें नमन करुँगा।

उनकी साहस गाथाएं सुनाई जाती हैं

टंट्या भील साहस और शौर्य के प्रतीक हैं। निमाड़ और मालवा अंचल में उनके योगदान की गाथाएं कही सुनी जाती हैं। वर्ष 1842 में जन्में देश भक्त टंट्या भील को 1889 में ब्रिटिश सत्ता द्वारा फांसी दे दी गई थी।

टंट्या भील सिर्फ 47 वर्ष जीवन जिए लेकिन कार्य दो सदियों का कार्य कर गए। उन्होंने जनजातीय समाज में लोगों के आपसी विवादों को सुलझाने में भी अहम भूमिका निभाई थी, वे सच्चे अर्थों में जननायक थे।

संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन टंट्या भील के योगदान पर केंद्रित नाटक मंचन करवा चुका है।