Bhopal : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘इंस्टाग्राम’ पर प्रदेश के बेटे-बेटियों से संवाद किया था। उन्होंने कई बेटे-बेटियों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री से कई तरह किए गए। कई सवाल बेहद रोचक थे, जिनका शिवराज सिंह ने उसी अंदाज में जवाब भी दिया। मुख्यमंत्री से कई सवाल उनकी पर्सनल जिंदगी के बारे में भी थे, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने 20 से ज्यादा युवाओं के सवालों के जवाब दिए। इसमें उनके बचपन, रोल मॉडल, दिनचर्या, योजनाएं आदि के बारे में भी सवाल थे। मुख्यमंत्री ने करीब 40 मिनट ऑनलाइन रहकर जवाब दिए।
मुख्यमंत्री से कुछ फ़िल्मी सवाल भी किए गए। उनसे पूछा गया कि एक फिल्म थी ‘नायक’ जिसमें कांसेप्ट था एक दिन का सीएम! रौनक दुबे ने पूछा कि मामा जी मुझे एक दिन का सीएम बना दो! इस पर शिवराज सिंह का जवाब था ‘बेटा वो फिल्म थी, उस फिल्म से हमें सीखना ये चाहिए कि हम एक दिन में भी कैसे चीजें बेहतर कर सकते हैं! हालांकि, हम जानते हैं फिल्म और वास्तविकता में जमीन आसमान का फर्क होता है, लेकिन सीएम बनना है तो एक दिन के लिए क्यों बनना। बनना है तो मेहनत करो परमानेंट सीएम बनो कोई दिक्कत की बात नहीं है। जो लक्ष्य तय करके परिश्रम करता है वो लक्ष्य को प्राप्त करता है। बनना है तो एक दिन के लिए क्यों बनना! राजनीतिक क्षेत्र में आओ मेहनत परिश्रम कर आगे बढ़ो, मुझे लगता है कि एक दिन सफलता मिलेगी।
एक युवक ने उनसे फिल्म कलाकारों के बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा फेवरेट कलाकार संजीव कुमार है। बचपन में ‘परिचय’ फिल्म देखी थी। इसमें एक्टर संजीव कुमार थे। वे मेरे फेवरेट एक्टर हैं, जबकि एक्ट्रेस जया भादुड़ी हैं। वे अपने भोपाल की बेटी ही हैं। आपका फेवरेट गाना कौन सा है? इस पर उनका जवाब था मेरे 3 गाने फेवरेट हैं। ‘लगा चूनरी में दाग’ … ‘रुक जाना नहीं तू कहीं हार के’ … और ‘ऐ भाई जरा देख के चलो!’
एक सवाल था मामा जी आपके दिन की शुरुआत कैसे होती है? इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रोज सुबह पौधरोपण करता हूं। इसके बाद घर में बेटियों की तरह ही दो गायें हैं, जिनके साथ कुछ समय बिताता हूं।
रोल मॉडल से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता और स्वामी विवेकानंद से मुझे प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेरे रोल मॉडल हैं। मोदी जी ने ही समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण में अपने आपको झोंक दिया। भारत का यह प्रगति और प्रतिष्ठा का स्वर्णिम काल है। आज भारत आँख झुकाकर नहीं, आंख मिलाकर काम करता है।
आपका मामा जी बनने का सफर कैसे शुरू हुआ? इसका जवाब था ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना से ही इसकी शुरुआत हुई। बेटी को लखपति बनाने की योजना बनाई। बच्चों को यूनिफॉर्म और साइकिल दी। बेटियों ने पहले मामा कहा, फिर बेटों ने भी कहना शुरू किया। अब तो बुजुर्ग भी मामा कहते हैं।’
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश कैसे होगा? तो शिवराज सिंह का जवाब कि कोविड में आपदा को अवसर में बदला। मेरे दिमाग में आया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएंगे। हम अधोसंरचना का विकास कर रहे हैं। हेल्थ, एजुकेशन में भी बेहतर काम कर रहे हैं। स्मार्ट क्लासेस चला रहे हैं। गुड गवर्नेंस, अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी काम कर रहे हैं।