CNG Plant Started : ट्रेचिंग ग्राउंड के CNG प्लांट में गैस उत्पादन शुरू

इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट में परीक्षण के तौर पर गैस बनना शुरू

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Indore : स्वच्छता में देशभर में 5 बार अव्वल रहे इंदौर शहर के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर CNG गैस का उत्पादन शुरू हो गया। एशिया के सबसे बड़े बायो कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) प्लांट में सोमवार से गैस उत्पादन शुरू हो गया। परीक्षण के तौर पर 250 से 500 किलो बायो सीएनजी तैयार की गई है। 25 जनवरी से इस प्लांट में 50 टन गीले कचरे से 1500 से 1700 किलो बायो सीएनजी का उत्पादन प्रतिदिन हो सकेगा। इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर में तैयार एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट से गैस उत्पादन शुरू होने पर बधाई दी। इसमें अभी परीक्षण के तौर पर 250 से 500 किलो बायो सीएनजी तैयार की गई है।

अभी इस प्लांट में तैयार बायो सीएनजी में 50% से 60% मीथेन गैस है। वाहनों में उपयोग की जाने वाली गैस में मीथेन की मात्रा 90% होनी चाहिए। अभी तैयार की जा रही गैस को 20 जनवरी को शुद्धीकरण (प्यूरिफायर) यूनिट में लाया जाएगा। यहां पर गैस में से कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड व अन्य अशुद्धियों को हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में 10 से 15 दिन लगेंगे।

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नगर निगम के कार्यपालन यंत्री अनूप गोयल के अनुसार जनवरी माह के अंत तक वाहनों के उपयोग के लिए 90% मीथेन वाली बायो सीएनजी तैयार हो पाएगी। प्लांट नगर निगम ने स्थापित किया है। इस बायो CNG से शहर में 400 सिटी बसों को चलाने का लक्ष्य है। गैस बनाने वाली एजेंसी निगम को बाजार मूल्य से 5 रुपए कम कीमत में बायो सीएनजी उपलब्ध करवाएगी।

इस प्लांट में 500 टन गीले कचरे से प्रतिदिन 18 हजार किलो बायो सीएनजी बनाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य मार्च तक पाया जा सकता है। 16 दिसंबर, 2021 से प्लांट का परीक्षण किया गया। शुरू हुआ 25 जनवरी से प्रतिदिन 50 टन गीले कचरे से 1500 से 1700 किलो गैस रोज तैयार की जाएगी। इसके बाद 30 जनवरी, 28 फरवरी और 15 मार्च तक तीन चरणों में क्षमता बढ़ाते जाएंगे। 15 मार्च को प्रतिदिन 500 टन गीले कचरा से 17 से 18 हजार किलो गैस रोज तैयार करने का लक्ष्य है।

एशिया का सबसे बड़ा प्लांट

अमेरिका में 500 टन से अधिक क्षमता वाले बायो सीएनजी प्लांट संचालित हो रहे हैं। भारत में अभी पुणे नगर निगम द्वारा स्थापित प्लांट से प्रति दिन 200 टन गीले कचरे से सात हजार किलो बायो सीएनजी तैयार की जा रही है। इस तरह इंदौर में 500 टन गीले कचरे से 18 हजार किलो गैस बनाने का यह एशिया का पहला सबसे बड़ा प्लांट है।

उद्योगों को बॉयलर के लिए भी देंगे

इंदौर क्लीन एनर्जी के प्रोजेक्ट हेड नीतेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, इस प्लांट में तैयार होने वाली 50% बायो सीएनजी सिटी बसों को दी जाएगी। इसके अलावा हम 50% गैस उद्योगों को बॉयलर चलाने के लिए देंगे। इसमें 10% गैस अवंतिका एजेंसी को भी घरेलू सप्लाई के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।