Coal & Mining: MP में कोयला और खनिज खनन के लिए अनुमतियां मिलेंगी जल्द, टास्क फोर्स करेगी काम

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Coal & Mining: MP में कोयला और खनिज खनन के लिए अनुमतियां मिलेंगी जल्द, टास्क फोर्स करेगी काम

भोपाल:मध्यप्रदेश में नीलाम होंने वाले कोल और मुख्य खनिज ब्लॉक में खनन प्रक्रिया और उत्पादन अब और जल्द शुरु किया जा सकेगा। इसके लिए ली जाने वाली वन, पर्यावरण और अन्य विभागों की अनुमतियां समयसीमा में प्रदान किए जाने के लिए राज्य सरकार ने एक टास्कफोर्स गठित कर दी है।

यह टास्क फोर्स वन और पर्यावरण की अनुमतियों के अलावा सीटीओ, सीटीई, निजी भूमि स्वामी की अनुमति, वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु अतिरिक्त भूमि की उपलब्धता एवं अन्य अनुमतियां, सहमतियां निर्धारित समयावधि में प्रदान किए जाने के लिए काम करेंगी। इस टास्क फोर्स में वन, खनिज, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिया के प्रतिनिधि शामिल किए गए है।

यह टास्क फोर्स कोल और मुख्य खनिज से ब्लॉक में शीघ्र उत्पादन प्रारंभ कराने हेतु वन, पर्यावरण, सीटीओ, सीटीई, निजी भूमि की अनुमति के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु विचार कर आवश्यक कार्यवाही प्रस्तावित करेगी। वन अनुमति में आवश्यक प्रतिपूरक वनारोपण हेतु भमि की उपलब्धता की पहचान कर उपलब्ध कराए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्रस्तावित करेगी। टास्क फोर्स जरुरत के मुताबिक नीलाम ब्लॉक के अधिकतम बोलीदार को समीक्षा बैठक में बुला सकेगी। खनन के लिए जरुरी अनुमतियों, सहमतियों की समीक्षा के लिए टास्क फोर्स हर माह एक बैठक करेगी और इन अनुमतियों को मिलने के लिए आवश्यक प्रक्रिया संपादित करेगी।

*क्यों पड़ी जरुरत-* 

प्रदेश में कोल ब्लॉक और मुख्य खनिज ब्लॉक की नीलामी होंने के बाद अधिकतम बोलीदार को उस ब्लॉक का आवंटन कर उससे आवंटन की तारीख से ही रायल्टी और अन्य करों की उगाही शुरु हो जाती थी लेकिन इन ब्लॉक को लेने वाले बोलीदार वन विभाग, पर्यावरण विभाग, सीटीओ, सीटीई की अनुमतियों में उलझे रहते है। कई बार निजी जमीन के अधिग्रहण में दिक्कत आती है और खनन का काम अनुमतियों के लंबित रहने से शुरु नहीं हो पाता है। कई बार सिया और केन्द्रीय पर्यावरण विभाग, प्रदूषण निवारण मंडल और वन तथा पर्यावरण की अनुमतियां केन्द्र सरकार से भी लेना होता है। इन अनुमतियों को मिलने में विलंब होता है कई बार अनुमतियां नहीं मिलती जिसके कारण खदान आवंटित होंने के बाद भी यहां उत्पादन शुरु नहीं हो पाता और बोलीदार खदान बीच में छोड़कर भाग जाता है। सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। यह टास्कफोर्स अब ऐसे सभी लंबित और अटके हुए मामलों में खदान ठेकेदार की राह आसान करेगा और सभी अनुमतियां उसे आसानी से मिल सकेगी।