Collector Live Inspection : स्क्रीन पर खुली आंगनवाड़ी की लापरवाही, मौके पर फटकार—तुरंत कार्रवाई

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Collector Live Inspection : स्क्रीन पर खुली आंगनवाड़ी की लापरवाही, मौके पर फटकार—तुरंत कार्रवाई

राजेश जयंत

ALIRAJPUR: मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में बच्चों के पोषण और शिक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली आंगनवाड़ी व्यवस्था पर सख्ती का दौर शुरू हो गया है। Collector Neetu Mathur ने सोमवार को कट्टीवाड़ा क्षेत्र की आधारकॉच स्थित बड़मानी फलिया आंगनवाड़ी का औचक वीडियो कॉल निरीक्षण किया, जिसमें पोषण आहार की गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति और मेन्यू अनुपालन में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।

लाइव स्क्रीन पर ही खुली लापरवाही ने कलेक्टर को नाराज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने तत्काल फटकार लगाते हुए संबंधित कर्मचारियों और शक्ति समूह पर कार्रवाई के सख्त निर्देश जारी किए। यह कदम जिले की आंगनवाड़ी प्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है, खासकर हालिया कट्ठीवाड़ा आश्रम घटना के बाद जब आदिवासी बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।

▪️लाइव वीडियो कॉल: सच्चाई का खुलासा

▫️कलेक्टर नीतू माथुर ने जिले में आंगनवाड़ियों की स्थिति सुधारने और बच्चों को पोषणयुक्त भोजन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सोमवार को विशेष अभियान चलाया। वे अपने कक्ष से ही वीडियो कॉल पर जुड़कर कट्टीवाड़ा के ग्राम आधारकॉच स्थित बड़मानी फलिया आंगनवाड़ी की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों को दिए जा रहे भोजन की प्लेटें, किचन की सफाई, दैनिक मेन्यू का पालन, बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर और यहां तक कि नैतिक शिक्षा की गतिविधियों का भी परीक्षण किया।

वीडियो कॉल से साफ हो गया कि आंगनवाड़ी में निर्धारित मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं परोसा जा रहा था। गुणवत्ता रहित नाश्ता, अनियमित उपस्थिति और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। कलेक्टर ने पाया कि बच्चों को मिलने वाला पोषण आहार मानकों से बहुत नीचे था, जो आदिवासी बहुल क्षेत्र में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है।

▪️फटकार और तत्काल कार्रवाई: वेतन कटौती से शक्ति समूह की हटाने तक

▫️लापरवाही सामने आते ही कलेक्टर माथुर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हिना बामनिया और सहायिका कविता मंडलोई को लाइव ही सख्त फटकार लगाई। उन्होंने दोनों पर गुणवत्ताहीन भोजन उपलब्ध कराने का आरोप लगाते हुए दो-दो दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। इसके अलावा, शक्ति समूह द्वारा मेन्यू का पालन न करने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी को समूह को तुरंत हटाने का आदेश जारी किया गया।

कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी पर भी नाराजगी जताते हुए कहा, “ऐसी लापरवाही बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। अब जिले की सभी आंगनवाड़ियों पर नियमित औचक वीडियो कॉल निरीक्षण होंगे, और फील्ड अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन अनिवार्य होगा।” उन्होंने चेतावनी दी कि गुणवत्ता में कमी या उपेक्षा पाए जाने पर जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की सीधी जिम्मेदारी तय की जाएगी, जिसमें निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई शामिल हो सकती है।

▪️लापरवाही पर लगाम लगाने की नई रणनीति

▫️यह निरीक्षण अलीराजपुर जिले की 28 आश्रमों और आंगनवाड़ियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया, जहां हाल ही में कट्ठीवाड़ा कन्या आश्रम में कक्षा 2 की छात्रा कृतिका बघेल की संदिग्ध मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। कलेक्टर की इस पहल को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है, क्योंकि यह न केवल कर्मचारियों को चेतावनी देती है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का संदेश भी देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि वीडियो कॉल जैसी तकनीकी निरीक्षण प्रक्रिया दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में प्रभावी साबित हो सकती है, जहां भौतिक पहुंच मुश्किल होती है।

▪️कलेक्टर माथुर ने कहा

▫️”बच्चों का स्वास्थ्य और पोषण हमारी प्राथमिकता है। कोई भी स्तर पर हुई चूक अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” इस अभियान से उम्मीद है कि जिले की आंगनवाड़ियां मानकों पर खरी उतरेंगी, और आदिवासी बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। प्रशासन ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अगले 15 दिनों में समस्त आंगनवाड़ियों का सत्यापन पूरा करें।