Collector Sensitivity : विकलांगों की समस्याएं सुनने के लिए कलेक्टर जमीन पर बैठ गए!

आश्वासन दिया कि जिला स्तर की समस्याएं जल्द हल होगी!

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Collector Sensitivity : विकलांगों की समस्याएं सुनने के लिए कलेक्टर जमीन पर बैठ गए!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : कलेक्टर प्रियंक मिश्रा अपने वाहन से जा रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ‘विकलांग बल’ के सदस्यों को कलेक्ट्रेट परिसर में बैठे देखा तो वाहन रोककर उतर गए और विकलांग की समस्या को सुनने के लिए जमीन पर बैठ गए। कलेक्टर ने उसकी समस्या को सुना और उन्हें जल्दी हल करने का आश्वासन दिया।

आज ‘विकलांग बल मध्य प्रदेश’ ने अपनी मांगों को लेकर पदयात्रा निकाली। यह पदयात्रा तकरीबन 1 किलोमीटर तक विकलांगों ने निकाली। यह यात्रा अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर निकाली गई। पदयात्रा जैसे ही कलेक्ट्रेट पहुंची, उस दौरान जनसुनवाई समाप्त हो चुकी थी। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा कलेक्ट्रेट से अपनी कार से जा रहे थे। जैसे ही उन्होंने कार्यालय के बाहर विकलांग बल के लोगो को देखा तो तुरंत कार से नीचे उतरकर उनके पास जमीन पर बैठ गए।

देखिये वीडियो-

उन्होंने कहा कि ‘हां बताइए मैं आपकी क्या समस्या हल कर सकता हूं!’ इस पर वहां बैठे विकलांगों ने कलेक्टर को अपनी समस्या बताई। 16 सूत्री मांग रखी। कलेक्टर ने एक-एक मांग पढ़ी। जो मांगे जिला स्तर पर पूरी हो सकती है, उनके बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं कुछ कर सकता हूं। जो प्रदेश स्तर का मैटर है, उस पर उन्होंने कहा कि मैं यह आपका ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगा।

विकलांगों की मुख्य मांग थी कि उनकी पेंशन को बढ़ाकर 5000 प्रति माह किया जाए। सभी विभागों में दिव्यांगों के रिक्त पदों को बैकलॉग भर्ती के माध्यम से भरा जाए। दिव्यांगों को 50 हजार तक का लोन अनिवार्य रूप से दिया जाए। एकल खिड़की की व्यवस्था की जाए और विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाए। इस तरह से कई माह 16 मांगों को लेकर दिव्यांग बल के द्वारा धार कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

‘विकलांग बल’ के सदस्यों ने कहा कि हमारे जिले के कलेक्टर संवेदनशील हैं। आज उन्होंने हमारे साथ जमीन पर बैठकर हमारी समस्या को सुना जो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है और इससे हमें बल मिला है हमारा मनोबल बढ़ा है।