Collector Stayed in Hostel : कलेक्टर रातभर छात्रावास में रुके, अधीक्षक नशे में धुत्त मिला!
Dindori : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों मंच से डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा की जमकर तारीफ की थी। अब ये कलेक्टर एक बार फिर सुर्खियों में है।
वे जो भी करते हैं वो मिसाल बन जाता है। लोगों के बीच जाना, उनकी समस्याएं सुनना, उनके साथ बैठकर खाना खाना, कभी बुजुर्गों के चरण छू लेना उनकी दिनचर्या में है। डिंडौरी के कलेक्टर इन वजहों से वे लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। सोमवार की रात वे विशेष पिछड़ी जनजाति छात्रावास पहुंचे और वहीं रात गुजारी। छात्रों के साथ बैठकर भोजन किया, उनकी समस्याएं सुनी और अधीक्षक को समझाइश दी, जो शराब के नशे में थे।
विशेष पिछड़ी जनजाति के छात्रों का ये छात्रावास किराए के भवन में संचालित होता है। हॉस्टल के निरीक्षण में उन्होंने पाया कि यहां प्रॉपर टॉयलेट नहीं है। छात्रों को दिए जाने वाले भोजन में कमी है। पढ़ाई लिखाई के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि छात्रावास के बच्चों को शासन की ओर से मिलने वाली राशि से बहुत कुछ कराया जा सकता है। जिस भवन में छात्रावास संचालित है, वह ठीक नहीं है। नया भवन देखकर शिफ्ट करवाया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि छात्रावास अधीक्षक फूलसिंह धुर्वे को आरोप पत्र जारी करेंगे। अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
कलेक्टर ने बच्चों को पढ़ाया
कलेक्टर ने बच्चों को पढ़ाया और बच्चों से विषय से जुड़े सवाल-जवाब भी किए। कलेक्टर छात्रावासी बच्चों के साथ बैठे, उन्होंने बच्चों को पढ़ाया। बच्चों से हॉस्टल में आकर कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों की जानकारी ली। बच्चों से विषय से संबंधित सवाल जवाब किए। इसके बाद सारे बच्चों को बैठाकर सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछते नजर आए। कलेक्टर ने बच्चों को भरोसा दिया कि उनके रहने, खाने और पढ़ाई-लिखाई की अच्छी व्यवस्थाएं कराई जाएगी। छात्रों को सलाह दी कि सुबह उठकर सभी बच्चे दौड़ने जाए, अपनी दिनचर्या भी ठीक करें। व्यवस्थाएं हम ठीक कर देंगे।
वे बच्चों के साथ जमीन पर बैठे। उन्होंने बच्चों से समस्याएं जानी। उनके साथ खाना भी खाया। छात्र बोले कि पहली बार कोई अधिकारी हमारे बीच आया है। विशेष पिछड़ी जनजाति छात्रावास में लगभग 50 बच्चे यहां रह कर पढ़ाई करते हैं। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र देवराज धुर्वे ने बताया कि पहले भी अधिकारी निरीक्षण करने आते थे, लेकिन हमारी कभी व्यवस्था नहीं की। हमारी समस्याओं को करीब से देखा और व्यवस्थाएं दुरुस्त करवाने की बात कही है। उम्मीद है कि जल्द ही हमारे लिए व्यवस्थाएं सुधरेंगी और हम अच्छे से मन लगाकर कर पढ़ लिख सकेंगे।
अधीक्षक से बोले शराब पीकर मत आओ
कलेक्टर जब छात्रावास पहुंचे तो अधीक्षक शराब के नशे में मिला। कलेक्टर ने उन्हें शराब पीकर न आने की समझाइश दी।
कलेक्टर जब छात्रावास पहुंचे तो छात्रावास अधीक्षक फूलसिंह धुर्वे शराब के नशे में थे। कलेक्टर विकास मिश्रा ने समझाया कि आप बच्चों के बीच शराब पीकर न आए। अपने बच्चों की तरह ही इनकी परवरिश करें, इनका भविष्य बनाने में मदद करें।