Collector Stopped his Own Salary : CM-Helpline में मामले अटके होने पर कलेक्टर ने खुद को दी सजा
Jabalpur : अपने अधिकारियों की लापरवाही की सजा कोई कलेक्टर खुद अपने आपको दे, ये सामान्य तौर पर देखा नहीं गया है। हर जिले में सीएम-हेल्पलाइन (CM-Helpline) के मामलों का निराकरण प्रशासन के लिए चुनौती होता है। जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने वही किया, जो कोई नहीं करता। सीएम-हेल्पलाइन (CM-Helpline) के प्रकरणों में आशानुकूल निराकरण न होने पर कलेक्टर ने खुद का इस महीने का वेतन रोक दिया।
साथ ही उन सभी विभाग प्रमुखों की एक-एक वेतनवृद्धि रोक दी, जिनके यहाँ सीएम-हेल्पलाइन के ज्यादा मामले पेंडिंग हैं। उन्होंने ट्रेजरी ऑफीसर को निर्देश दिए कि सौ दिन से अधिक के प्रकरण जिन अधिकारियों के हैं, उन सभी के वेतन इस माह का आहरित नहीं करें जब तक कि उनके निराकरण मे तेजी न आए।
आज जिला पंचायत में लंबित पत्रों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इसमें अपर कलेक्टर शेरसिंह मीणा, विमलेश सिंह सहित सभी अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में विभागवार सीएम-हेल्पलाइन (CM-Helpline) के प्रकरणों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि सीएम-हेल्पलाइन के प्रकरणों को संवेदनशीलता के साथ समय सीमा में निराकृत करें, कोई भी प्रकरण बिना अटेंड किए उच्च स्तर पर न जाए। यह कोशिश करें कि वह एल-वन स्तर पर ही निराकृत हो जाए।
इसके साथ ही स्वच्छता व सीएम-हेल्पलाइन (Cleanliness and CM-Helpline) में लापरवाही पर नगर निगम के सभी उपायुक्तों के वेतन रोकने के निर्देश दिए। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही पर संबंधित तहसीलदारों के एक-एक वेतनवृद्धि रोकने के भी निर्देश दिए।
वहीं डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग आफिसर (District Marketing Officer) की अनुपस्थित पर उन्हें शोकाज नोटिस देने के निर्देश दिए। प्रकरणों के निराकरण में उदासीनता पर PIU के कार्यपालन यंत्री के वेतन वृद्धि रोकने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम-हेल्पलाइन हो चाहे, समाधान ऑनलाइन के प्रकरण सभी का निराकरण समय सीमा में करें। इसके साथ ही अन्य विभागीय लंबित पत्रों का निराकरण भी समय सीमा में सुनिश्चित करें।
सौ दिन से अधिक प्रकरणों के साथ समाधान ऑनलाइन में चयनित विषयों की गहन समीक्षा कर कहा कि 30 दिसम्बर तक प्रकरणों का निराकरण करें। कलेक्टर ने टीएल के विषय पर भी कहा कि इन्हें कमिश्नर वीसी के पहले तक निराकृत कर दें। उन्होंने अपर कलेक्टर मीणा और विमलेश सिंह को निर्देश दिए कि अलग-अलग विभागों के लंबित प्रकरणों की समीक्षा जूम एप्प के माध्यम से कर प्रकरणों की समीक्षा करे और निराकरण कराएं।