कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेस में कलेक्टरों ने कई रोचक सुझाव दिए 

जिलों में खुलेंगे स्किल डेवलपमेंट सेंटर, राशि दुरुपयोग रोकने सरपंच, सचिव की विड्राल लिमिट होगी तय

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कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेस में कलेक्टरों ने कई रोचक सुझाव दिए 

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेस में कलेक्टरों ने कई रोचक सुझाव दिए है जिनके आधार पर सरकारी योजनाओं को जिलों में जमीनी स्तर पर उतारने नीतियों में आमूल-चूल बदलाव किए जाएंगे।

सरकारी खजाने से गांवों में होंने वाले कामों के लिए एडवांस में राशि निकालकर राशि का दुरुपयोग रोकने अब सरपंच-सचिव के लिए विड्राल लिमिट तय की जाएगी। वहीं कॉलेजों से स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रिया लेने के बाद भी बढ़ रही बेरोजगारी को रोकने के लिए अब सीएम ने जिलों में नये कॉलेज के बजाय स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरु करने पर फोकस करने को कहा है।

अलग-अलग जिलों से कई रोचक सुझाव कलेक्टरों के इस कांफ्रेस में आए है। जिलों में अब स्पेसिफिक प्लान बनाया जाएगा कि वहां क्या-क्या काम हो सकते है। डेढ़ दिन का ब्रेन स्टार्मिंग का आयोजन भी होगा। इसमें जिले का रोडमैप तैयार किया जाएगा। कलेक्टरों ने जिलों में रोजगारमूलक पाठयक्रम पर फोकस करने का सुझाव दिया।

कलेक्टरों का कहना था कि यूजी, पीजी डिग्री लेने के बाद भी युवाओं को रोजगार नहीं मिलता। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी जिलों में आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज है लेकिन उनमें सभी ट्रेड नहीं है। इसलिए कॉलेज के बजाय स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जाएं। इनमें जिलों के उद्योगों की जरुरत के मुताबिक युवाओं का स्किल डेवलपमेंट किया जाए।

राशन मित्र योजना में अभी पंचायत सचिव के प्रस्ताव पर जिले का जेएसओ रियायती राशन के लिए राशन कार्ड बनाने का काम करता है लेकिन ग्रामीण अंचलों में इस योजना से नाम हटाने का अधिकार सरपंच को दिया गया है। इस प्रक्रिया में सरपंच के विरोधियों के नाम अक्सर काट दिए जाते है।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा है कि जो प्रकिया नाम जोड़ने की तय है वही नाम हटाने के लिए भी की जाएगी।

अनुकंपा नियुक्ति के लिए सेट्रलाइज प्रक्रिया शुरु की जाएगी। एक पोर्टल पर सारी जानकारी होगी। अभी अक्सर विभाग रिक्त पदों की जानकारी नहीं देते इससे दिक्कत होती है। अब एक ही जगह सारी जानकारी उपलब्ध होगी। एक शिक्षक एक शाला में दिक्कत आ रही है। बच्चों को पर्याप्त संख्या में योग्य विशेषज्ञ शिक्षक नहीं मिल पा रहे है। इस योजना में भी बदलाव किया जाएगा। कुछ कलेक्टरों ने यह भी कहा है कि पटवारी और राजस्व निरीक्षक स्तर के निचले कर्मचारियों के तबादले के अधिकार उन्हें दिए जाने चाहिए ताकि काम के हिसाब से कर्मचारियों का उपयोग किया जा सके। पेसा योजना का लोकल भाषा में प्रचार-प्रसार करने की रणनीति परा अब काम किया जाएगा। ग्राम सभा में प्रचार और खाते खोलने में तेजी लाई जाएगी।