

Colonel Sophia Qureshi’s MP Connection: 3 पीढ़ियों से सेना में कुरैशी खानदान, बुंदेलखंड में पली-बढ़ी कर्नल सोफिया कुरैशी
राजेश चौरसिया की खास रिपोर्ट
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर आतंक का समर्थन करने वालों को कड़ा संदेश दिया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरा करने के बाद भारतीय सेना ने प्रेस ब्रीफिंग की खास बात ये हैं प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय सेना की दो महिला अधिकारी मौजूद रही। जिनकी चर्चा भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में हो रही है। हर कोई इन दोनों महिला अफसरों के बारे में विस्तार से जानना चाहता है कि इनका जन्म कहां हुआ, शिक्षा कहां ली, सेना में भर्ती कब हुईं आदि।
*सोफिया कुरैशी ने MP के नौगांव में पहली से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई…*
कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम चर्चा में आते ही मध्य प्रदेश का सीना गर्व से फूल गया। दरअसल, सोफिया कुरैशी का परिवार शुरू में छतरपुर जिले के नौगांव में रहा। सोफिया कुरैशी ने पहली से तीसरी कक्षा तक नौगांव के जीडीसी स्कूल से पढ़ाई की। सोफिया का जन्म 1976 में पुणे में हुआ था। जन्म के बाद इनके पिता परिवार को लेकर नौगांव में शिफ्ट हुए। सोफिया के पिता का पुस्तैनी मकान नौगांव में ही है।
सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी भी सेना में कर्नल थे. जब पुणे से कर्नल ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर नौगांव हुआ तो वह यहां शिफ्ट हुए. इसके बाद ताज मोहम्मद कुरैशी का ट्रांसफर रांची और फिर बड़ौदा हुआ. बड़ौदा में आगे की पढ़ाई करके सोफिया कुरैशी ने सेना ज्वाइन की. सोफिया कुरैशी की शादी सेना में कर्नल तजुद्दीन से हुई है.
*सोफिया कुरैशी की बहादुरी देख नौगांव के लोग खुशी से उछल पड़े*
नौगांव में सोफिया कुरैशी के बुआ रहती हैं। जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना की प्रेस ब्रीफिंग हुई और सोफिया कुरैशी ने पत्रकारों को संबोधित किया तो पूरे नौगांव के साथ ही छतरपुर में खुशी की लहर फैल गई। नौगांव की बेटी ने पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत की महिलाएं बहादुरी में सबसे आगे हैं. नौगांव में रहने वाले सोफिया कुरैशी के ममेरे भाई बंटी सुलेमान प्रेस वार्ता में अपनी बहन को देखकर काफी भावुक हो गए और उनका सीना गर्व से फूल गया।
बता दें कि सोफिया कुरैशी की मां का नाम हलीमा बेगम हैं। वह यूपी हमीरपुर की रहने वाली हैं। नौगांव के समाजसेवी सनातन रावत भी सोफिया कुरैशी के परिवार को भलीभांति जानते हैं । जैसे उन्होंने सोफिया कुरैशी के बारे में सुना तो खुशी से उछल पड़े और बोले हमें गर्व है ऐसी बेटी पर।
*पिता और दादा की तरह सोफिया ने भी पकड़ी सेना की राह*
सोफिया के ममेरे भाई बंटी सुलेमान कहते हैं – सोफिया और सायना दो बहनें हैं। सोफिया का जन्म 1976 में पुणे में हुआ था। उसके बाद वह नौगांव आ गईं। यहां हमारे नाना थे और सोफिया के दादा। वह नौगांव में ही सेना में भर्ती हुए थे। सुलेमान बताते हैं – कैसे सोफिया के परिवार में वो तीसरी पीढ़ी है, जिन्होने सेना में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया. सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी भी आर्मी में थे।” सुलेमान कहते हैं “जिस घर में मैं बैठा हूं। इसी घर में उनकी परवरिश हुई। नौगांव के जीसीडी स्कूल में पहली से तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई की है सोफिया ने
*जिसे पीठ पर बैठा कर स्कूल ले जाता था, ऐसी बहन पर गर्व है*
बंटी सुलेमान की गर्व करते हुए कहते हैं “आज इतना फक्र हो रहा है कि आतंकवादियों ने जिनके घर के चिराग बुझा दिए थे, भारतीय सेना ने हमारी सरकार ने उसका बदला ले लिया और मेरी बहन भी उस ऑपरशन का हिस्सा है। वह बचपन की याद करते हुए कहते हैं “जब वो छोटी थी कई बार कहती थी भैय्या थक गए हैं, पीठ पर बिठा लो और मैं उसे स्कूल ले जाया करता था। आज उसी बहन ने मेरा सीना चौड़ा कर दिया। पूरे देश को मेरी बहन सोफिया पर नाज है।”
*1999 में हुआ सेलेक्शन*
भारतीय सेना में सोफिया की एंट्री 1999 में हुई.उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया.इसके बाद सोफिया ने सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त किया.वर्ष 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी. वह 2010 से शांति स्थापना अभियानों से जुड़ी रही हैं.पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उनकी सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C)का प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है.उत्तर-पूर्व भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिला था.उन्हें फोर्स कमांडर की सराहना भी मिली
*कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह चर्चा में*
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व किया और भारत के दुश्मनों को एक कड़ा संदेश दिया। यह भारत के सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। भारतीय इतिहास में पहली बार, दो महिला अधिकारियों – भारतीय थल सेना से कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायु सेना से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक बड़े सैन्य अभियान पर आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। उनके संयमित और दृढ़ बयानों ने न केवल आतंकवाद का जवाब देने के भारत के संकल्प को दर्शाया, बल्कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती ताकत को भी दर्शाया।