Commissioner’s Big Action: रीवा में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति घोटाला- 28% नियुक्तियां फर्जी, DEO सहित बड़े अधिकारी सस्पेंड, 6 पर FIR, कई गिरफ्तार

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Commissioner’s Big Action: रीवा में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति घोटाला- 28% नियुक्तियां फर्जी, DEO सहित बड़े अधिकारी सस्पेंड, 6 पर FIR, कई गिरफ्तार

रीवा (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्तियों में बड़ा घोटाला सामने आया है। पिछले एक साल में 36 अनुकंपा नियुक्तियों में से करीब 28%—यानी 10 से ज्यादा—फर्जी पाए गए, जिनमें फर्जी माता-पिता और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी ली गई। जांच में सामने आया कि कई नियुक्तियां ऐसे लोगों को मिलीं, जिनके माता-पिता जीवित थे या कभी विभाग में काम ही नहीं करते थे।

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जांच के दौरान 6 नियुक्तियां पूरी तरह फर्जी निकलीं और 4 संदिग्ध हैं। प्रशासन ने जिला शिक्षा अधिकारी समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड किया, 6 लोगों पर FIR दर्ज की और सभी नियुक्तियों की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। अब रीवा सहित आसपास के जिलों में भी पिछले तीन साल की सभी अनुकंपा नियुक्तियों की जांच चल रही है, दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं।

कैसे सामने आया घोटाला…?

– सभी 36 नियुक्तियों को नोटिस देकर दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया।
– 10 लोग दस्तावेज लेकर नहीं पहुंचे; जांच में 6 नियुक्तियां पूरी तरह फर्जी निकलीं, 4 संदिग्ध।
– बृजेश कोल नाम के युवक ने मां को मृत दिखाकर 10 लाख में नौकरी ली, जबकि वह महिला न उसकी मां थी, न कभी विभाग में काम करती थी।
– एक ही परिवार के भाई-बहन को भी अलग-अलग स्कूलों में अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी।
– सुषमा कोल नाम की महिला के पिता को शिक्षक बताया गया, जबकि उस नाम का कोई शिक्षक था ही नहीं।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई:

– रीवा कमिश्नर बीएस जामोद ने जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता और योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है।
– 6 लोगों पर FIR दर्ज, संबंधित बाबू भी निलंबित।
– सभी अनुकंपा नियुक्तियों की जांच के आदेश, आगे और खुलासे की संभावना।
– जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल और एडिशनल एसपी आरती सिंह ने जांच तेज कर दी है।

पहले भी ऐसे मामले:

– एक छात्र से 1.60 लाख रुपये लेकर फर्जी जॉइनिंग लेटर थमाया गया, दो आरोपी गिरफ्तार।
– पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भी इसी तरह के फर्जीवाड़े की जांच जारी है।

अब क्या…?

– सभी नियुक्तियों की दोबारा जांच होगी।
– दोषियों पर सख्त कार्रवाई और रिकवरी के आदेश।
– शासन स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता और कड़ी निगरानी के निर्देश।