Commissioning of Books, Uniforms : किताब, यूनिफार्म पर स्कूलों की कमीशनखोरी रुकी नहीं!

हर स्कूल की सामग्री सभी दुकानों पर नहीं मिल रही, पालक परेशान!

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Commissioning of Books, Uniforms : किताब, यूनिफार्म पर स्कूलों की कमीशनखोरी रुकी नहीं!

Indore : प्रशासन ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की किताबें और यूनिफॉर्म से कमीशनखोरी रोकने की कोशिश जरूर की, बनती नजर नहीं आ रही। प्राइवेट स्कूल वालों ने चुनिंदा दुकानदारों को ही अपने यहां के कोर्स की किताबें और यूनिफॉर्म की लिस्ट सौंपी है। ये किताबें और यूनिफॉर्म इन दुकानदारों के अलावा कहीं अन्य दुकानों पर नहीं मिल रही। ऐसे में अभिभावक फिर ठगा रहे हैं और प्राइवेट स्कूल वाले कमीशनखोरी में लगे हैं।
जानकारी अनुसार शहर के प्राइवेट स्कूल संचालकों ने किताबें, यूनिफॉर्म समेत अन्य शिक्षण सामग्री पर कमीशनखोरी का एक नया तरीका इजाद किया है। लगभग सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों ने कुछ चुनिंदा दुकानदारों को अपने स्कूल के कोर्स की किताबों और यूनिफॉर्म की लिस्ट सौंपी है। इन दुकानों के अतिरिक्त शहर में अन्य किसी दुकान पर इन स्कूलों की न तो किताबें मिल रही हैं और न ही यूनिफॉर्म। ऐसे में एक बार फिर अभिभावक ठगा रहे हैं।

उधर, कलेक्टर ने स्कूलों की चाल पर रोक लगाने के लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी जरूर किया, पर वो प्रभावशाली नहीं हो पा रहा है। अभी करीब 25 दिन स्कूलों में क्लॉसेस लगेंगी, उसके बाद गर्मी की छुट्टियां लग जाएंगी। जून से स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया भी होना है। तब कोर्स फिर से शुरू करवाया जाता है। इसके बाद भी लगभग सभी प्राइवेट स्कूलों में छात्रों को कोर्स की कॉपी-किताबें और यूनिफॉर्म के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जो छात्र शिक्षण सामग्री अभी नहीं खरीद पा रहे हैं, उन्हें परेशान भी किया जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि जब तक वे किताबें और यूनिफॉर्म नहीं खरीदेंगे, स्कूल वालों को भी कमीशन नहीं मिलेगा।

सब्जेक्ट चयन का भी दबाव
अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चों ने अभी 10वीं की परीक्षा दी है। रिजल्ट आने में अभी एक-दो महीने लग जाएंगे। इसके बाद भी स्कूलों में उनके बच्चों पर सब्जेक्ट चुनने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। रिजल्ट आने के पूर्व सब्जेक्ट तय करवाने के पीछे भी कमीशनखोरी का बड़ा खेल स्कूल संचालकों द्वारा खेला जा रहा है।

दुकानदार बिल नहीं दे रहे
अभिभावकों द्वारा किताबें-यूनिफॉर्म आदि जिन दुकानों से खरीदी जा रही हैं, वे दुकानदार इनका बिल भी नहीं दे रहे हैं। जो अभिभावक बिल की मांग करते हैं तो वे कह रहे हैं कि इनका बिल नहीं दिया जाता। बिल नहीं देकर वे न सिर्फ बड़ा कमीशन स्कूल संचालकों को दे रहे हैं, बल्कि टैक्स चोरी करने की आशंका भी है।

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शिकायत करें, कार्रवाई करेंगे
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास से चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि आप शिकायत करें हम कार्रवाई करेंगे। लेकिन, जब उनसे यह कहा कि जो भी शिकायत करेगा उनके बच्चों को स्कूल संचालक परेशान करेंगे तो उन्होंने कहा कि इस बारे में वे कुछ नहीं कर सकते। अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।