Indore : पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी ने इंदौर नगर की मेट्रोपॉलिटन सीमा (Metropolitan Boundary of Indore City) में सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक और उद्वेलित करने वाले फोटो प्रेषित करने, मैसेज करने, उसे फॉरवर्ड करने, उस पर टिप्पणी करने पर रोक लगाई है।
आदेश में कहा गया कि किसी भी तरह की सांप्रदायिक पोस्ट (Any Kind of Communal Post) करने, उसे फॉरवर्ड करने और इस प्रकार की पोस्ट करने पर आपत्तिजनक कमेंट करने की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जाता है।
जारी आदेश में कहा गया कि यह आदेश जन सामान्य के जानमाल की सुरक्षा तथा भविष्य में शहर की लोक शांति भंग होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। इतना समय उपलब्ध नहीं है, कि जन सामान्य से संबंधित सभी पक्षों को उक्त सूचना मिल सके।
अतः यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एक पक्षीय लागू किया जाता है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) के अंतर्गत अधोहस्ताक्षरकर्ता (Police Commissioner) के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता के संतुष्ट होने पर आवेदक किसी भी लागू शर्त में छूट दी जा सकेगी। जारी आदेश में कहा गया कि यह व्यवस्था 17 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस आदेश के किसी भी अंश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत अपराध है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जन सामान्य द्वारा यह तथ्य ध्यान में लाया गया कि इंदौर जिले में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर आदि के माध्यम से असामाजिक तत्वों के कई समूहों द्वारा सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने, दो समुदायों के मध्य संघर्ष वैमनस्यता की स्थिति निर्मित करने के लिए तरह-तरह के आपत्तिजनक संदेश एवं चित्र और वीडियो ऑडियो मैसेज का प्रसारण किया जा रहा है।
सोशल मीडिया के माध्यम से एक स्थान पर एकत्रित होने एवं एक समुदाय के विरुद्ध वातावरण निर्मित करने जैसे संदेशों का प्रसारण भी हो रहा है। इससे इंदौर का सामुदायिक सद्भाव और शांति व्यवस्था के लिए प्रतिकूल स्थिति निर्मित हो रही है। इसके अतिरिक्त धार्मिक भावनाओं को उभारने एवं सांप्रदायिक वातावरण निर्मित करने का प्रयास किया जा रहा है।
यह तथ्य भी ध्यान में लाया गया कि पिछले दिनों एक आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के कारण धार्मिक वैमनस्यता एवं उससे उपजी अशांति के कारण गंभीर लोक व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी। कई बार आपत्तिजनक चित्र व्हाट्सएप पर डालने से भी आमजन की भावनाएं आहत होकर लोक व्यवस्था का खतरा उत्पन्न होने की स्थितियां निर्मित करती है।
यह उल्लेखनीय है कि आपत्तिजनक पोस्ट से उतनी वैमनस्यता का संचार नहीं होता, जितना उस पर कमेंट एवं क्रॉस कमेंट के कारण होता है। सोशल मीडिया पर वैमनस्यता की अभिव्यक्ति ऐसी पोस्ट के माध्यम से ही होती है, जिस पर हर कोई बिना विचार किए, बिना किसी दायित्व के शब्दों का प्रयोग कर धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
इस प्रकार का सोशल मीडिया वार अभी भी सक्रिय है, जिससे लोक व्यवस्था एवं शांति भंग हो सकती है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इन सभी कारणों से मानव जीवन में लोक संपत्ति की क्षति संभावित है। इस प्रकार की गतिविधियों से जन सामान्य के स्वास्थ्य और जान-माल को खतरा उत्पन्न हो सकता है। भविष्य में इन कारणों से लोग शांति भंग होने की प्रबल आशंका है, अतः इस प्रकार के असामाजिक गतिविधियों पर अंकुश लगाए जाने की तत्काल आवश्यकता प्रतीत हो रही है।