Bhopal : आवारा कुत्तों के हमले से बालिका की मौत होने पर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को बालिका के वारिसों को 2 लाख रूपए क्षतिपूर्ति राशि एक माह में देने की अनुशंसा की है। यह मामला 2014 से आयोग में लंबित था।
खंडवा से 8 किलोमीटर दूर सिहाड़ा में 22 अप्रैल 2014 को आवारा कुत्तों ने 6 साल की बालिका आरती सुपुत्री शांतिलाल को नोचकर मार डालने की घटना पर संज्ञान लेकर आयोग ने यह अनुशंसा की है।
आयोग ने यह विचार करते हुए कि आम नागरिक को सुरक्षित वातावरण में जीने का पूर्ण अधिकार है। इसीलिए स्थानीय निकायों अर्थात नगर पालिका, नगर परिषद की यह मूल जवाबदारी है कि वह जनहित में सुरक्षित व्यवस्था और वातावरण बनाएं।
नागरिकों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की बाधा या मानव अधिकारों का उल्लंघन संभावित दिखाई देने पर उसको नियंत्रित करने व ऐसी बाधाओं को हटाने की पूरी जवाबदारी स्थानीय निकायों के अधिकारियों की ही है।
आयोग द्वारा नागरिकों की गरिमा व उनके जीवन के अधिकार की सुरक्षा तथा नागरिकों के मानव अधिकारों के हनन को रोकने की मंशा से ही यह अनुशंसा की गई है।
अनुशंसा में आयोग ने इस बारे में गहन चिन्ता भी व्यक्त की है कि इस मामले में आयोग द्वारा राज्य शासन के विभागों, कलेक्टर एवं नगरीय निकाय से जिन बिन्दुओं पर जानकारियां चाही गई थीं, वे जानकारियां नहीं दी गईं।
सर्वोच्च न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालयों के प्रकरणों में इस संदर्भ में दिए निर्णयों व ग्राम पंचायत व नगर पलिका अधिनियम का हवाला देते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने यह अपेक्षा की है कि चूंकि सड़कों व रहवासी क्षेत्रों को आवारा पशुओं से सुरक्षित बनाने की पूरी जवाबदारी स्थानीय निकाय प्रशासन की ही है, इसीलिए स्थानीय निकाय प्रशासन को इस जवाबदारी पर और अधिक मुस्तैदी से काम करने की जरूरत है।