Confirmation of Lumpy : इंदौर जिले में 8 लम्पी संक्रमित मवेशी मिले
इंदौर। जिले के बेटमा और देपालपुर क्षेत्र में 8 गोवंश में लम्पी चर्म रोग की पुष्टि हुई। पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ अशोक बरेठिया ने बताया कि देपालपुर के ग्रामीण क्षेत्र में गोवंश के 8 मवेशियों में ‘लम्पी’ रोग मिला। इलाज के बाद सभी पशु स्वस्थ भी हो गए। उन्होंने बताया कि गोवंश के 71 अन्य पशुओं में लम्पी चर्म रोग जैसे हल्के लक्षण मिले, जिनमें से 59 मवेशी इलाज के बाद स्वस्थ हो गए हैं।
‘लम्पी’ एक संक्रामक रोग है जिसकी चपेट में आने वाले मवेशियों की त्वचा पर गांठ हो जाती हैं। रोग के लक्षणों में बुखार, दूध कम बनना, त्वचा पर गांठ, नाक तथा आंखों से पानी निकलना आदि शामिल हैं। जिले में इस बीमारी से अभी तक किसी भी पशु की मौत नहीं हुई। जिले में 7 हज़ार से ज्यादा मवेशियों को ‘लम्पी’ से बचाव का टीका लगाया जा चुका है।
बेटमा और देपालपुर तहसील में पशुओं में ‘लम्पी’ संक्रमण होने की सूचना मिलने से ही हड़कंप मच गया। बचाव के लिए पशुओं को वैक्सीन लगाई गई। पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) के मुताबिक देपालपुर और सेंदा गांव में सबसे ज्यादा 40 पशु संक्रमित मिल। इन दोनों गांव में संक्रमित पशुओं के साथ ही अन्य पशुओं को वैक्सीन लगा दी गई। जो मवेशी ‘लम्पी’ से संक्रमित मिले उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था अलग कर दी गई। पशुपालन विभाग की टीम ने गांव में जाकर पशुपालकों को सावधानी बरतने को कहा है। इन सभी मवेशियों को वैक्सीन लगा दिया गया और अब वे बेहतर हैं। जिस गांव के पशु चपेट में आए हैं, वहां के पशुपालकों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने पशुओं को बाहर नहीं जाने दें। उन्हें वैक्सीन जरूर लगवाएं।
इन गांवों में मिले संक्रमित
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा देपालपुर में 22, सेंदा में 18, बेहरीपुरा में 7, पीर पीपल्या में 3, विजयपुर में 1, करवासा में 1, दौलताबाद में 2, पिपलोदा में 2, अहिरवार में 1, सेगंदा में 1, खतवाड़ी में 1, कमालपुर में 2, गिरोता में 1, नेवरी में 1, खमरिया में 6 तथा ग्राम दसरी में 2 पशु संक्रमित हैं। महू, सांवेर एवं जिले के विभिन्न गांवों में भी कई पशु संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। हालांकि पशुपालन विभाग द्वारा अभी इन गांवों के आंकड़े नहीं जारी किए गए हैं।
पिछले सप्ताह ही 5 मवेशी मिले
ग्रामीण क्षेत्र में पांच गायों में ‘लम्पी’ चर्म रोग सरीखे लक्षण मिलने से पशुपालन विभाग सतर्क हो गया था। इनके नमूने जांच के लिए भोपाल के एक संस्थान में भिजवाए हैं। उप संचालक (पशुपालन) के मुताबिक देपालपुर के ग्रामीण क्षेत्र में सबसे पहले 5 गायों में इस रोग के लक्षण मिले थे। इनके नमूनों को भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (National Institute of High Security Veterinary Diseases) की प्रयोगशाला में भेजा गया था। लक्षणों के आधार पर इलाज के बाद पांचों गायों की हालत अभी एकदम ठीक है।