राजस्थान विधान सभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को लेकर असमंजस, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किया बड़ा खुलासा- एक दो दिन में आयेगी सूची

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राजस्थान विधान सभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को लेकर असमंजस, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किया बड़ा खुलासा- एक दो दिन में आयेगी सूची

राजस्थान विधान सभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को लेकर असमंजस्य बना हुआ है।कहा जा रहा था कि कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची किसी भी वक्त आ सकती है अन्यथा गुरुवार को अवश्य आयेंगी लेकिन सूची को लेकर
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि यह सूची अगले एक दो दिन में आयेगी तथा भाजपा से दुगनी होंगी ।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बुधवार को शाम दौसा जिले के काँदौली गाँव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की बीस अक्टूबर को प्रस्तावित राजस्थान यात्रा की तैयारियों का जायज़ा लेने के बाद यह बात कही। इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि राजस्थान की सूची अब प्रियंका गाँधी की यात्रा के बाद यानी बीस अक्टूबर के बाद ही आयेंगी। भाजपा भी बीस अक्टूबर को केन्द्रीय चुनाव समिति की प्रस्तावित बैठक के बाद ही राजस्थान के लिए अपनी दूसरी सूची निकालेगा ऐसी जानकारी मिली है।

बुधवार को प्रातः नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई । सीईसी की इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ,पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी , संगठन महामन्त्री के.सी .वेणुगोपाल, वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेश प्रभारी सूखजिंदर सिंह रंधावा, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा तथा सहायक प्रभारियों आदि ने भाग लिया।

बताया जा रहा है कि करीब साढ़े तीन घण्टे चली इस बैठक में सौ से अधिक उम्मीदवारों के नामों पर विचार विमर्श हुआ। बैठक में कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों और बीएसपी से कांग्रेस के शामिल हुए विधायकों की दावेदारी पर भी विचार किया गया लेकिन उस पर कोई अन्तिम निर्णय नही हो पाया ।

कांग्रेस द्वारा राजस्थान के लिए घोषित की जाने वाली उम्मीदवारों की पहली सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रिपरिषद के अधिकांश मंत्री ,पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और सिंगल पेनल वाले नेताओं और विधायकों के नाम घोषित किए जाने की सम्भावना है।

एआईसीसी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान को लेकर मंगलवार को स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई की अध्यक्षता में हुई बैठक में छह घण्टे से भी अधिक समय तक उम्मीदवारों के नामों को अन्तिम रूप देने के लिए भारी कसरत की गई और सभी की सहमति से तय किए गए नामों को केन्द्रीय चुनाव समिति के समक्ष रखने पर सहमति बनी लेकिन जब यह सूची समिति के सदस्यों के सम्मुख रखी गई तों पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के मुँह से यह प्रतिक्रिया आई कि इस सूची में तों वही सारे पुराने नाम है , कोई नया नाम है क्या? इस पर स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष गौरव गौगई ने कहा कि जिन नामों पर सर्वसम्मति से एक राय हुई है और पार्टी के सर्वे में भी जिन्हें जिताऊँ उम्मीदवार माना गया है उनके नाम ही सीईसी के विचारार्थ रखें गए हैं। बैठक में निर्दलीय विधायकों और बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के सम्बन्ध में और अधिक विचार विमर्श की जरुरत बताई गई । साथ ही चुनाव समिति ने युवा और महिला तथा ओबीसी दावेदारों तथा उनके चुनाव जीतने की सम्भावनाओं को भी टटोला।

साथ ही इस राय पर भी सहमति बनी की कि जिन निर्दलीय विधायकों के नामों पर पार्टी में कोई आपत्ति नही होंगी उन नामों को हरी झण्डी देने में कोई हर्ज नही है, क्योंकि यें अधिकांश विधायक कांग्रेस से जुड़ें हुए रहें है लेकिन बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की दावेदारी पर अभी कोई अन्तिम निर्णय नही किया गया है। इसी तरह अनुशासन समिति के पास विचाराधीन मामले से सम्बन्धित विधायकों को टिकट देने अथवा नही देने को फ़िलहाल पेंडिंग रखा गया है।इससे नगरीय विकास मन्त्री शान्ति धारीवाल और जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी के साथ ही आरटीडीसी के चेयरमेन और कथित लाल डायरी को लेकर विवादों में आयें धर्मेन्द्र राठौड़ की टिकट पर संशय बना हुआ है।

मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट ग्रूप में इस बारे में और मानेसर की होटल में सरकार से बगावत करने वाले विधायकों को लेकर अभी भी मतभेद जारी हैं।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री गहलोत उन विधायकों की ज़बर्दस्त पैरवी कर रहें है जिन्होंने संकट के समय साथ रह कर राजस्थानकी कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए सहयोग किया और सरकार गिराने के लिए दी जा रही मौटी राशि को ठुकरा दिया। बताते है कि गहलोत ने पार्टी के सर्वे अनुसार चुनाव जीतने की क्षमता वाले विधायकों के टिकट नही काटे जाने की भी वकालत की है चाहें वे किसी गुट विशेष के क्यूँ नही होवे।

बताया जा रहा है कि बुधवार को केन्द्रीय चुनाव समिति ने राजस्थान कांग्रेस के करीब 106 उम्मीदवारों की सूची को अन्तिम रुप देने के लिए विचार विमर्श किया लेकिन कुछ अहम नेताओं के नही होने से अन्तिम फैसला नही हो पाता। जैसे पूर्वी राजस्थान के अलवर और आसपास की सीटों पर भँवर जितेन्द्र सिंह की राय के बाद ही अंतिम फैसला सम्भव हो सकेगा। इस प्रकार अभी भी राजस्थान विधान सभा चुनाव के लिए लोगों को कांग्रेस की पहली सूची का इन्तज़ार है जबकि पहली सूची में बड़े पैमाने पर विरोध के बावजूद भाजपा अपनी दूसरी सूची जारी करने वाली है। कुछ अन्य छोटे दलों में भी अपनी सूचियाँ जारी कर दी है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में तीस अक्टूबर से चुनाव प्रक्रिया शुरू होने वाली है।