Congress Allegations: कांग्रेस का आरोप- प्रशासन, चुनाव आयोग ने नहीं की चुनावी शिकायतों पर कार्रवाई, CEO बोले- तथ्यात्मक सभी शिकायतों पर हुई कार्रवाई
भोपाल,इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी और सीधे भारत निर्वाचन आयोग को ग्यारह हजार से अधिक शिकायतें मिली है जो पिछले विधानसभा चुनाव से ढाई गुना अधिक है। चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन और अन्य शिकायतों को लेकर कांग्रेस मुखर हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि हमारी शिकायतों पर चुनाव आयोग और प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही नहीं की जा रही है वहीं प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि आयोग के पास जो तथ्यात्मक शिकायतें आई है परीक्षण के बाद उन सभी में कार्रवाई की गई है। सीधे भारत निर्वाचन आयोग को की गई कुछ शिकायतों पर वहां के स्तर पर कार्रवाई हुई है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान हो चुका है। सी-विजिल एप के जरिए और सीधे पत्रों के माध्यम से 11 हजार 257 शिकायतें आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की मिली है। प्रदेश में पिछले विधानसभा निर्वाचन 2018 की तुलना में विधानसभा निर्वाचन 2023 में अब तक ढाई गुना अधिक शिकायतें प्राप्त हुई है। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि सभी शिकायतों का त्वरित निराकरण किया गया।
मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन-2023 के लिए प्रदेश में 9 अक्टूबर से आदर्श आचरण संहिता लागू है। इस बीच आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन कराया जा सके, साथ ही नागरिक भी आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की त्वरित शिकायत कर सके, इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-विजिल एप तैयार कराया गया। इस पर जो शिकायतें मिली उनका त्वरित निराकरण किया गया।
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कांग्रेस के प्रभारी चुनाव आयोग जेपी धनोपिया का कहना है कि कांग्रेस ने विभिन्न स्तरों पर पांच सौ से अधिक शिकायतें की है। चुनाव आयोग और प्रशासन ने किसी भी शिकायत का संतोषजनक रुप से निराकरण नहीं किया है। कई शिकायतों पर तो कार्रवाई ही नहीं की गई। धनोपिया का कहना है कि रीवा जिले में विधानसभा चुनाव में 1369 पुलिस कर्मियों व अतिथि शिक्षक जो चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे उन्हें मतदान से वंचित किया गया है। ऐसी स्थिति समूचे मध्यप्रदेश में रही है।प्रदेश में हजारों की संख्या में चुनाव ड्Þयूटी पर लगे कर्मचारी पोस्टल वैलेट का उपयोग नहीं कर पाए है। खंडवा जिले में 18 नवंबर को मतदान से वंचित रहे पुलिस कर्मियों को 20 नवंबर को मतदान करने के आदेश जारी किए गए है। उनका कहना है कि पन्ना जिले में भी डाक मतपत्र कर्मचारी नहीं डाल पाए। शाजापुर में भी काफी लोग वोट नहीं कर पाए। अलग-अलग ट्रेनिंग के दौरान कर्मचारी डाक मतपत्र का उपयोग नहीं कर पाए। आयोग से सभी की शिकायत की है। इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। नेताओं के रिश्तेदार उनके पक्ष में काम कर रहे अफसरों को लेकर भी कई शिकायतें की गई। तीन साल से अधिक समय से जमे अफसरों को शिकायत भी की गई।
इधर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि परीक्षण में जो शिकायतें सही मिली उनपर कार्यवाही की गई है। चुनाव कार्य से जुड़े तीन साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को ही हटाने के निर्देश थे। ऐसे सभी मामलों मेें कार्यवाही की गई है। यह कहना उचित नहीं है कि शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हुई।