कांग्रेस ने 144 की लिस्ट में शुभ योग समेत सारी संभावनाएं तलाशी! 

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कांग्रेस ने 144 की लिस्ट में शुभ योग समेत सारी संभावनाएं तलाशी! 

हेमंत पाल

कांग्रेस ने अपने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी। सरसरी तौर पर इस सूची को देखकर लगता है कि कांग्रेस ने इसके लिए बहुत अधिक मेहनत की है। लिस्ट को ठोक बजाकर ही अंतिम रूप दिया गया। पार्टी ने इस बात का भी ध्यान रखा कि पार्टी के अंदर कोई गुटबाजी न पनप पाए। कांग्रेस ने यह सबक पिछले चुनाव के बाद सरकार बनने के साथ हुई बड़ी धोखाधड़ी के बाद लिया। जहां भी पार्टी को लगा कि गुटबाजी पनप सकती है, वहां कुछ नेताओं को पीछे कर दिया गया। प्रदेश में कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने चार लिस्ट से 136 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।

इस लिस्ट में 96 पूर्व विधायकों में से 69 को फिर से टिकट दिया है। अब देखना है कि बची हुई 27 सीटों में से कितने पूर्व विधायकों को मौका दिया जाता है। घोषित 144 में से 65 टिकट 50 साल से कम वालों को दिए गए। सामान्य वर्ग के 47, अनुसूचित जाति वर्ग के 22 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 30 नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। 39 उम्मीदवार ओबीसी हैं। 19 महिलाओं को टिकट दिया गया। 6 अल्पसंख्यक को टिकट दिया गया, इनमें 5 जैन और एक उम्मीदवार मुस्लिम है। इस संतुलन को देखकर लगता है कि कांग्रेस की यह लिस्ट कई मामलों में बैलेंस है। लिस्ट में सर्वे के बाद सामने आए नाम और लगातार हारी हुई सीटों पर की गई मेहनत भी दिखाई देती है।

सिंधिया से मुकाबले की तैयारी

इस लिस्ट में कांग्रेस ने सबसे चौंकाने वाला फैसला केपी सिंह को लेकर किया। पिछोर विधानसभा सीट से लगातार 5 बार चुनाव जीतने वाले केपी सिंह को शिवपुरी से टिकट देने के पीछे कांग्रेस की रणनीति अलग है। शिवपुरी विधानसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच यह दूरगामी फैसला किया गया। शिवपुरी सीट से अभी तक यशोधरा राजे सिंधिया विधायक थी। उनके चुनाव लड़ने से इंकार के बाद सिंधिया के आसार हैं। यही कारण है कि पिछोर सीट से शैलेन्द्र सिंह को टिकट दिया गया। इस लिस्ट की खासियतों में एक कमलनाथ को छिंदवाड़ा से टिकट दिया जाना है। कांतिलाल भूरिया की जगह उनके बेटे विक्रांत को टिकट दिया है। इस लिस्ट में लहार से डॉ गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा से उम्मीदवार बनाया गया। दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को परिवार की परंपरागत सीट राधौगढ़ से टिकट दिया है।

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कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान के सामने बुधनी सीट से टीवी कलाकार विक्रम मस्तल को मौका दिया है। उन्होंने 2008 में टीवी सीरियल ‘रामायण’ में हनुमान की भूमिका निभाई थी। बुधनी के मूल निवासी मस्ताल टीवी सीरियल में काम करते हैं। भोपाल की विधानसभा सीटों पर सुरेश पचौरी का प्रभाव साफ़ दिखाई देता है। घोषित तीनों टिकट के उम्मीदवार पचौरी समर्थक हैं। बैरसिया से जयश्री हरिकरण, नरेला से मनोज शुक्ला और भोपाल (मध्य) से आरिफ मसूद को टिकट दिया गया। दीपक जोशी को हाटपिपलिया से टिकट नहीं दिया गया। यहां से राजवीर सिंह बघेल को टिकट दिया गया! दीपक जोशी ने मुख्यमंत्री के सामने बुधनी से टिकट मांगा था। पवई से मुकेश नायक, चुरहट से अजयसिंह राहुल भैया को भी टिकट मिला। सिंहावल से कमलेश्वर पटेल को टिकट दिया गया। बैतूल के आमला से निशा बांगरे मामले को देखते हुए अभी सीट से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया गया।

लिस्ट जारी करने में भी समय का ध्यान

कांग्रेस ने अपनी लिस्ट जारी करने में भी गृह, नक्षत्र, चौघड़िया, अंक ज्योतिष और फलित ज्योतिष के शुभ योग में चुनाव अभियान शुरु किया। नवरात्रि के पहले दिन पड़वा को सुबह 9.9 बजे लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में 144 (1+4+4 = 9 मूलांक) नाम हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार आज जिस शुभ योग में कांग्रेस ने अपनी लिस्ट जारी की, उससे कांग्रेस ने विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक बढ़त हासिल कर ली। कांग्रेस ने माँ दुर्गा के आराधना पर्व की शुरुआत के साथ अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

इंदौर की तीन सीटें अभी रुकी

इंदौर-1 में कैलाश विजयवर्गीय के सामने कांग्रेस ने संभावित उम्मीदवार और पूर्व विधायक संजय शुक्ला को फिर चुनाव मैदान में उतारा। इंदौर-2 से चिंतामणि उर्फ़ चिंटू चौकसे, इंदौर-4 से राजा मंडवानी, सांवेर से रीना बौरासी सेतिया, देपालपुर से विशाल पटेल और राऊ सीट से पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को मैदान में उतारा गया। भाजपा की ही तरह इंदौर-3, इंदौर-5 और महू सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की।

कांग्रेस में आए नेताओं को भी टिकट

गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के सामने दतिया से अवधेश नायक को उतारा है। वे भाजपा से कांग्रेस में आए थे। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला था। वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गए थे और वापस कांग्रेस में लौट आए। इसी तरह कुंवर कपिध्वज सिंह को गुढ़ से, रश्मि सिंह पटेल को नागौद से, बोधसिंह भगत को कटंगी से, नीरज शर्मा को सुरखी से, बैजनाथ यादव को कोलारस और अनुभव मुंजारे को बालाघाट से टिकट दिया गया। ग्वालियर (ग्रामीण) सीट पर बसपा से पिछली बार चुनाव लड़े साहिब सिंह गुर्जर को मैदान में उतारा गया है। भांडेर में पूर्व विधायक फूलसिंह बरैया को टिकट दिया। पोहरी सीट पर पिछला उपचुनाव लड़े कैलाश कुशवाह को दोबारा टिकट दिया गया। इस पहली लिस्ट में दीपक जोशी, भंवरसिंह शेखावत और रामकिशोर शुक्ला के नाम नदारद हैं।

नरियावली से कांग्रेस ने अपने पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी पर ही दांव लगाया है। बैजनाथ यादव को कोलारस से प्रत्याशी बनाया है। यहां भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट की उम्मीद थी। कांग्रेस ने बड़वानी से राजन मंडलोई, सरदारपुर से प्रताप गरेवाल, मंदसौर से विपिन जैन, उज्जैन (उत्तर) से माया राजेश त्रिवेदी, आलोट से मनोज चावला, राजपुर से बाला बच्चन, खरगोन से रवि जोशी और उदयपुरा से देवेंद्र पटेल को मुकाबले में उतारा है।

विजयनगर से रामनिवास रावत को टिकट दिया गया। कांग्रेस ने अमरपाटन से पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ राजेंद्र कुमार सिंह को फिर प्रत्याशी बनाया है। पूर्व में शिवराज सरकार में मंत्री रहे कन्हैयालाल अग्रवाल के बेटे ऋषि अग्रवाल को बमोरी से उतारा है। कटंगी से विधायक टामलाल सहारे का टिकट काटकर पूर्व सांसद बोधसिंह भगत, गुनौर से विधायक शिवदयाल बागरी की जगह जीवनलाल सिद्धार्थ, भगवानपुरा में निर्दलीय विधायक केदार डाबर को उम्मीदवार बनाया गया। विजयपुर में पूर्व विधायक रामनिवास रावत को उम्मीदवार घोषित किया है।

जौरा में उपचुनाव हारे पंकज उपाध्याय को फिर मौका दिया गया। अटेर में पूर्व विधायक हेमंत कटारे को टिकट दिया है। मेहगांव में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया को प्रत्याशी बनाया गया है। गुना जिले की बमोरी सीट पर पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल के बेटे ऋषि अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है। कन्हैया लाल पिछला चुनाव भाजपा के महेन्द्र सिंह सिसोदिया से हार गए थे। घटिया से रामलाल मालवीय को टिकट दिया है। मुंगावली सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक रहे स्व राव देशराज सिंह यादव के बेटे राव यादवेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया।

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हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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