कांग्रेस ने 30 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा

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कांग्रेस ने 30 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा

 

भोपाल। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर राजनीतिक पार्टियों में महिलाओं को उचित हिस्सेदारी देने का मंत्र दिया था। इसका नजारा इन दिनों कांग्रेस के उम्मीदवारों की जारी सूची में साफ तौर पर देखने को मिल रहा हैं। राजनीतिक गलियारे में भले ही लोग चटखारे लेकर कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हों। लेकिन कांग्रेस ने 229 उम्मीदवारों की सूची में 30 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतार कर इस बात का संकेत दे दिया है कि आगामी चुनावों में कांग्रेस महिलाओं की हिस्सेदारी को व्यापक स्थान देगी। इस लिहाज से देखा जाए तो कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 13 फीसदी महिलाओं को स्थान दिया हैं। गौरतलब है कि लोकसभा द्वारा महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में 33 फीसदी आरक्षण देने का कानून बन गया है। इसके बाद से महिला समाज को राजनीति की मुख्यधारा में स्थापित करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां सोचने के लिए मजबूर हो गई हैं। भले ही यह कानून वर्ष 2029 से लागू होगा लेकिन इससे पहले ही महिलाओं का समर्थन हासिल करने के लिए भाजपा हो या कांग्रेस सभी ने रूचि लेना शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जहां 28 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जिसमें से 9 महिला उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रही।

कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की पहली जो सूची जारी की थी उसमें 19 महिलाओं को टिकट दिया था। वहीं दूसरी सूची में 11 महिलाओं को मैदान में उतारा हैं। इस लिहाज से देखा जाये तो कांग्रेस ने इस बार सिर्फ दो अधिक उम्मीदवार मैदान में उतारा है।

*महिला कांग्रेस को मिला तवज्जों*

महिला उम्मीदवारों के मामले में महिला कांग्रेस ने पिछली बार की तरह इस बार भी बाजी मारने में सफल रही। कांग्रेस की 30 महिला उम्मीदवारों की सूची में महिला कांग्रेस से 1 दर्जन से ज्यादा महिला कांग्रेस के सदस्यों पर पार्टी ने भरोसा जताया हैं तो वहीं यूथ महिला कांग्रेस से करीब 5 लोगों को पार्टी ने टिकट देकर मैदान में उतारी हैं।

 

*15 फीसदी तक नहीं मिला टिकट-*

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर भले ही बड़ी- बड़ी बहसें होती हो, लेकिन ऐसी बहसें एक समय के बाद केवल जुबानी शोभा बनकर रह जाती है। प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि इस बार के चुनाव में कांग्रेस कम से कम 15 फीसदी महिलाओं को मौका देगी। लेकिन कांग्रेस ने मात्र 13 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया है।