Congress: स्क्रीनिंग कमेटी सिर्फ औपचारिकता करेगी, सभी निर्णय कमलनाथ पर छोड़े
भोपाल: कांग्रेस में इस बार प्रत्याशी चयन का मामला दिल्ली की जगह पर भोपाल पर ही ज्यादा निर्भर रहेगा। स्क्रीनिंग कमेटी सिर्फ औपचारिकता ही करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के बाद अब इलेक्शन कमेटी के सदस्यों ने कमलनाथ को ही प्रत्याशी चयन करने के लिए फ्री हेंड दे दिया है। हालांकि पार्टी अपनी पूर्व की तरह ही सभी औपचारिकताएं करती हुई दिखाई देगी। इसके चलते प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पूर्व दावेदारों की दौड़ इस बार दिल्ली की जगह भोपाल में तेज हो चुकी है।
पार्टी सूत्रों की मानी जाए तो रविवार को हुई कांग्रेस की इलेक्शन कमेटी की बैठक में सभी ने कमलनाथ के निर्णय को ही फाइनल मानने के लिए हामी भर दी है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें यह भी सुझाव दिया गया कि वे जिला संगठन को नजर अंदाज ना करें। इसके लिए जिलों से भी दावेदारों के नाम मंगाए जाए, इस मुद्दे को लेकर बैठक में लगभग 15 मिनट तक बातचीत होती रही। कमलनाथ सहित कुछ नेताओं ने कहा कि इससे दावेदारों के नामों की संख्या तेजी से बढ़ जाएगी। इसमें यह भी सुझाव आया कि यदि पार्टी संगठन के लोगों के दम पर भी चुनाव लड़ना चाहती है तो मंडलम-सेक्टर को भी महत्व मिलना चाहिए, ताकि वे चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के लिए मेहनत के साथ काम कर सके। मंडलम-सेक्टर के पदाधिकारियों को कितना महत्व दिया जाएगा, इसे लेकर कोई निर्णय इस बैठक में नहीं हो सका।
जल्द करें या देर से घोषित करें उम्मीदवार संशय
बैठक में कुछ सदस्यों ने कहा कि भाजपा की देखा देखी उम्मीदवार चयन का काम नहीं किया जाए। उम्मीदवार के जल्द घोषित होने से यह खतरा बढ़ जाएगा कि वे ऐन वक्त पर कहीं पार्टी नहीं छोड़ दें, इस पर भी बहुत ध्यान रखना होगा। इसलिए पहले ऐसे लोगों को टिकट दिया जाए जो किसी भी हालत में पार्टी नहीं छोड़ सकते हैं। जल्द टिकटों को ऐलान करना है तो उम्मीदवार के दूसरे दल में जाने की संभावनाओं पर भी विचार पहले किया जाए। इस पर कमलनाथ ने भी कहा कि इस को लेकर रणनीति बनाई जा रही है।
जातिगत समीकरणों के साथ आर्थिक स्थिति में देखी जाएगी
बताया जाता है कि इस बार विधानसभा सीट के जातिगत समीकरणों के साथ ही दावेदारों की आर्थिक स्थिति कितनी मजबूत है या भी देखा जाएगा। कांग्रेस इस चुनाव में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है, इसलिए वह इस बार हर एंगल पर काम कर रही है।