Congress United In Support of Rahul : राहुल के पैदल मार्च में दो CM सहित कई बड़े नेता दिखे, साढ़े आठ घंटे चली पूछताछ

सीएम शिवराज ने कहा- कांग्रेस 'सत्य' से क्यों घबरा रही!

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Congress United In Support of Rahul : राहुल के पैदल मार्च में दो CM सहित कई बड़े नेता दिखे, साढ़े आठ घंटे चली पूछताछ!

New Delhi : नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए। इसके विरोध में देशभर में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने कई नेताओं और समर्थकों को हिरासत में ले लिया। ED ने राहुल गांधी से साढ़े आठ घंटे पूछताछ की।

मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह ने राहुल गांधी के साथ हुए पैदल मार्च पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैंने दिल्ली में राहुल जी के फोटो के साथ पोस्टर देखे, जिन पर सत्यमेव जयते लिखा था। जब आप सत्य के साथ खड़े हो तो फिर डर किस बात का! यदि आपने कोई गड़बड़ी नहीं की है तो फिर भीड़ को साथ लेकर चलने का क्या मतलब! गांधी परिवार ने जो किया है वह सत्य एक दिन सामने आएगा, क्योंकि सत्य कभी छुपता नहीं है।
राहुल गांधी कांग्रेस हेडक्वार्टर से ED हेडक्‍वार्टर के लिए पैदल निकले। ED हेडक्‍वार्टर एपीजे अब्‍दुल कलाम रोड पर है। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की पूरी भीड़ निकली। इनमें राजस्थान के CM अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल सहित पार्टी के कई अन्‍य नेता शामिल थे। उनके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम चलता रहा। कुछ देर बाद पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक लिया और उन्हें हिरासत में लिया गया।
बाद में राहुल गांधी गाड़ी में सवार होकर ED मुख्यालय पहुंचे। दिल्‍ली के अलावा मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, बनारस और कई अन्‍य शहरों में भी कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया।

कांग्रेस के तीखे तेवर
सड़कों पर कांग्रेस का इस तरह का प्रदर्शन शायद बहुत समय बाद दिखा है। राहुल गांधी के समर्थन में वो पुलिस के सामने पूरी ताकत के साथ खड़े हो गए। उन्‍हें काबू करने में पुलिस के पसीने छूट गए। बड़ी संख्‍या में इस मार्च में महिलाओं ने भी हिस्‍सा लिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ED के सामने पेशी पर पार्टी के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई दिल्ली इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया था। कांग्रेस के मार्च और ‘सत्याग्रह’ को देखते हुए पुलिस ने 24 अकबर रोड (कांग्रेस मुख्यालय) जाने वाले कई रास्तों पर अवरोधक लगाए थे। इलाके में धारा 144 लागू थी। हालांकि, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इसकी परवाह नहीं की। वो अपने नेता के लिए एकजुट दिखाई दिए।

जनता के मुद्दों पर ये सब दिखाई क्यों नहीं देता!
एक सवाल भी खड़ा किया। सवाल यह है कि गांधी परिवार के लिए सिर पर आसमान उठाने वाली कांग्रेस की फुर्ती आम आदमी के मुद्दों पर कहां खो जाती है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस सिलेंडर के साथ बढ़ती महंगाई का मुद्दा हो या बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार और सुरक्षा जैसे अन्‍य मुद्दे, कांग्रेस का रुख ठंड रहा है। बीजेपी को चुनौती देने में वह ढुलमुल दिखाई दी है। जिस तरह के तेवर उसने गांधी परिवार के लिए दिखाए हैं, वो ऐसे मुद्दों पर नहीं दिखे। सरकार को घेरने की उसकी कोशिश सिर्फ टीवी डिबेट और इक्‍का-दुक्‍का ट्विटर तक सीमित रही।  IMG 20220613 WA0091

कांग्रेस ने झोंक दी पूरी ताकत
दूसरी तरफ गांधी परिवार के लिए पूरी कांग्रेस पार्टी सिर के बल खड़ी हो गई। गहलोत, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राष्‍ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, वरिष्ठ नेता हरीश रावत, जयराम रमेश और कई दूसरे नेता सड़कों पर साथ निकल पड़े। इन्‍हें हिरासत में लिया गया। प्रियंका गांधी ने तुगलक रोड थाने पहुंच हिरासत में लिए गए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बाद में मुलाकात की। मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, बनारस और अहमदाबाद जैसे शहरों में भी कांग्रेसियों ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। गिरफ्तारियां देने से भी कतई नहीं घबराए।

क्‍या है नेशनल हेराल्‍ड केस!
यह केस नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है। देश के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में इसकी स्थापना की थी। अखबार का मालिकाना हक AJL के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी। ये थे- हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज। 1956 में AJL को नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी के तौर पर बनाया। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्‍स मुक्त कर दिया गया। कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई। 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई। इसके 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी और बाकी के शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास थे। आरोप है कि कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ का कर्ज नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ AJL ने सारे शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये एजेएल को दिए। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने सिर्फ 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।