Bhopal : कांग्रेस से इस्तीफा देने के बावजूद सचिन बिरला अभी विधानसभा के सदस्य बने हुए हैं। विधानसभा अध्यक्ष
गिरीश गौतम ने साक्ष्यों में तकनीकी कमी पाए जाने से उनकी सदस्यता खत्म नहीं की। सचिन बिरला बड़वाह से विधायक थे और खंडवा लोकसभा उप चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस ने दलबदल के साक्ष्य देकर विधानसभा से सचिन बिरला की सदस्यता समाप्त करने का आवेदन दिया था। लेकिन, इसे विधानसभा अध्यक्ष ने निरस्त कर दिया। अब कांग्रेस को फिर से सदस्यता निरस्ती का आवेदन करना होगा।
अक्टूबर 2021 महीने में खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी सभा में भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया था। उनकी इस सार्वजनिक घोषणा के बाद सचिन बिरला के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए कांग्रेस ने दो बार विधानसभा अध्यक्ष को सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन किया। लेकिन, दोनों ही आवेदनों में खामियां बताकर उन्हें विचार योग्य नहीं पाया गया। इस कारण सचिन बिरला अभी भी विधायक बने हैं। बड़वाह में शिवराज सिंह चौहान की जिस सभा में उन्होंने भाजपा ज्वाइन करने का ऐलान किया था, उसे पांच महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है।
जो खामियां बताई गईं
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कांग्रेस के आवेदन पर विचार करते हुए उन्हें सुनवाई का मौका दिया था। इसके बाद आवेदन के साथ दिए गए साक्ष्यों का परीक्षण किया, तो कई तकनीकी खामियां पाई गईं। जानकारी के मुताबिक, जो भी साक्ष्य पेश किए वे सही ढंग से प्रामाणित नहीं थे। वीडियो और अखबारों की कटिंग को साक्ष्य के रूप में आवेदन में दिया गया था। सचिन बिरला के भाजपा में शामिल होने के बाद जिन लोगों ने उनसे साक्षात्कार लिया था, उनकी प्रामाणित जानकारी में भी खामी पाई गई।
कांग्रेस को फिर आवेदन करना होगा
दो बार आवेदन खारिज होने के बाद अब पार्टी को नया आवेदन करना होगा। उस आवेदन पर फैसला देने के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष के पास 90 दिन का समय होगा। ऐसे में सचिन बिरला विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे और अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि का उपयोग करते रहेंगे।