कांग्रेस का पचमढ़ी शिविर: बिहार चुनाव का साया, खरगे व राहुल के आने की संभावना कम,कमलनाथ व दिग्विजय ने भी बनाई दूरी?

तीसरे दिन लैंगिक संवेदनशीलता,बोध व जागरूकता पर हुआ एक सत्र

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कांग्रेस का पचमढ़ी शिविर: बिहार चुनाव का साया, खरगे व राहुल के आने की संभावना कम,कमलनाथ व दिग्विजय ने भी बनाई दूरी?

पचमढ़ी: कांग्रेस के पचमढ़ी शिविर में बिहार चुनाव का साया देखा जा सकता है। अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आने की संभावना कम बताई जा रही है। राज्य के दो वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ व दिग्विजय ने भी शिविर से दूरी बनाई है।
कांग्रेस के पचमढ़ी प्रशिक्षण शिविर के समय को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। क्योंकि बिहार चुनाव की वजह से जहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के पचमढ़ी पहुंचने की तारीख अब तक तय नहीं हो पाई है, तो वहीं प्रदेश के बड़े नेताओं की भी इस शिविर से या तो दूर रखा गया है अथवा उन्होंने खुद दूरी बना ली है।
प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन आज “लैंगिक संवेदनशीलता, लैंगिक बोध और जेंडर जागरूकता” विषय पर एक सत्र हुआ। इस सत्र का संयोजन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व सचिव और अहमदाबाद सिटी की जिला अध्यक्ष सोनल पटेल ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में समाज में महिलाओं की भूमिका, योगदान, पहचान और समकालीन चुनौतियों पर चर्चा की।
सोनल पटेल ने कहा कि “जेंडर समानता केवल नीति नहीं, बल्कि एक सोच और व्यवहार है, जिसे समाज के हर स्तर पर आत्मसात करना होगा।” उन्होंने उपस्थित जिला अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों के साथ खुला और सार्थक संवाद किया तथा संगठन में महिला भागीदारी को और सशक्त बनाने की दिशा में प्रेरित किया।
* विशेष बात यह है कि संगठन सूजन अभियान के तहत प्रदेश कांग्रेस अपने जिलाध्यक्षों को पचमढ़ी में 10 दिवसीय प्रशिक्षण दे रही है। जिसमें अब तक प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और उमंग सिंघार के अलावा एआईसीसी के प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिन राव और उनकी टीम ही पचमढ़ी पहुंची है। अब तक न तो प्रदेश संगठन के प्रभारी हरीश चौधरी ही शिविर में मौजूद है और न ही दूसरे नेताओं ने भी वहां पहुंचने की जरुरत समझी। कहा जा रहा है कि कुछ नेताओं ने पीसीसी नेतृत्व को सलाह दी थी कि शिविर को बिहार चुनाव पूरे होने तक टाल दिया जाए। इस पर प्रदेश ने भी एआईसीसी से इस प्रस्ताव पर विचार करने का आग्रह किया था, लेकिन उनके आग्रह को नहीं माना गया। जानकारों की मानें तो नेतृत्व द्वारा जिस तरह शिविर में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, के. सी वेणुगोपाल सहित दूसरे बड़े नेताओं के शामिल होने का दावा किया जा रहा था, उस पर अब तक मुहर नहीं लग सकी है। जानकारों का कहना है कि बिहार चुनाव में राहुल गांधी पूरी तरह से व्यस्त है, जिससे उनका प्रशिक्षण शिविर के लिए समय निकाल पाना मुश्किल है। हालांकि जीतू पटवारी आदि कांग्रेस के नेता अब भी दावा कर रहे है कि राहुल गांधी 8 या 9 नवम्बर को पचमढ़ी पहुंचेंगे, लेकिन पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह केवल संभावना है।

वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सीएम कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का अपना अलग कद है। इन नेताओं के प्रदेश भर में समर्थक भी है। ऐसे में इन नेताओं का प्रशिक्षण शिविर से दूर रहना अपने आप में सवाल खड़ा कर रहा है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक का कहना है कि यह शिविर केवल जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण के लिए है। जहां नेताओं के उद्‌बोधन के लिए समय निर्धारित नहीं है। इसलिए इन नेताओं को नहीं बुलाया गया है।