धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : बसंत पंचमी पर यहाँ की भोजशाला में एक ऐसी महिला आरक्षक भी लोगों की नजर में आई, जो दो फर्ज एक साथ निभा रही थीं। ये महिला आरक्षक जिस सजगता से भोजशाला में पुलिसकर्मी का फर्ज निभा रही थी, उसी तत्परता से वे अपने बच्चे का भी ध्यान रखे हुए थी। ड्यूटी के दौरान इनका सात साल का बच्चा पार्थ भी इनके साथ दिखाई दिया।
पार्थ कभी अपनी माँ के साथ रहता, कभी वहीं खेलता रहता तो कभी थककर पास में लगे बिस्तर पर लेटकर आराम कर लेता। दरअसल, इंदौर के पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल में पदस्थ महिला पुलिसकर्मी सपना दुबे पारिवारिक विवाद के चलते पिछले साढ़े 3 साल से अपने पति से अलग रह रही हैं। उनके साथ सात साल का पार्थ घर में अकेला रहता है।
जब वे ड्यूटी पर आती हैं, तो उसे 5-6 घंटे के लिए घर में ताले में बंद करके आती हैं। पहले बच्चा परेशान हो जाता था, पर अब वो माँ की परेशानी को समझते हुए मैनेज करने लगा है।
कोरोना काल के दौरान बच्चों के स्कूल बंद होने के कारण पार्थ घर पर ही रहता है। अकेला ही खेलता या पढ़ाई करता रहता है। लेकिन, जब सपना दुबे की ड्यूटी लगती है, तो वे पार्थ को अपने साथ ले जाती है।
पार्थ भी इनके साथ ही रहता और इनके आसपास खेलता रहता है। कभी थकने पर वह पास ही स्थित बिस्तर पर लेटकर आराम कर लेता। भोजशाला में भी दिखाई दिया।
सपना दुबे बताती है कि ड्यूटी और उनका बच्चा दोनों ही उनके लिए महत्वपूर्ण हैं। वे कहती हैं कि ड्यूटी मेरा कर्तव्य है और पार्थ मेरी जिम्मेदारी! इसलिए वे दोनों काम संभाल लेती है। शुरू में उन्हें कुछ परेशानी जरूर होती थी, लेकिन अब आदत हो गई है। वहीं पार्थ को भी ड्यूटी के दौरान अपनी माँ के साथ रहना अच्छा लगता है। किसी को कोई परेशानी नहीं होती।
सपना दुबे महिला कांस्टेबल