Contempt of Court: न्यायालय की अवमानना याचिकाओं पर भी गंभीर नहीं अफसर, चर्चा के लिए बैठक में ही नहीं पहुंचे तो थमाया नोटिस

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Contempt of Court: न्यायालय की अवमानना याचिकाओं पर भी गंभीर नहीं अफसर, चर्चा के लिए बैठक में ही नहीं पहुंचे तो थमाया नोटिस

 

भोपाल: मध्यप्रदेश के सरकारी महकमों के अफसर विभागों में जमकर लापरवाही कर रहे है। न उन्हें न्यायालय की अवमानना याचिकाओं की चिंता है न ही रिट याचिकाओं को लेकर वे गंभीर है। जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता ने न्यायालयीय याचिकाओं और रिट पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई तो दो मुख्य अभियंताओं के यहां से कोई इनमें नहीं पहुंचा। अब इन अफसरों को नोटिस थमाया गया है।

जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा ने न्यायालयों में प्रक्रियाधीन रिट, अवमानना याचिकाओं के संबंध में समीक्षा बैठक का आयोजन किया था। इसमें बिंदुवार आवश्यक जानकारी के साथ नोडल अधिकारी और पटल प्रभारी को उपस्थित होंने को कहा गया था। लेकिन नर्मदापुरम और बैन गंगा कछार से कोई अफसर या कर्मचारी बैठक में नहीं पहुंचा और न ही अनुपस्थिति के लिए कोई अनुमति उन्होंने ली। इस बैठक में वर्तमान में उदभूत होंने वाले सर्वाधिक न्यायालयीन केसेस से संबंधित जानकारी मांगी गई थी अब प्रमुख अभियंता ने नर्मदापुरम और बैन गंगा कछार के मुख्य अभियंताओं को इसके लिए नोटिस थमाया है और न्यायालयीन प्रकरणों में गंभीरता पूर्वक समय सीमा में काम न करने को उदासीनता माना है। अधिकतर न्यायालयीन प्रकरणों में विलंब के कारण विभाग को न्यायालय में अपना पक्ष रखने में असहजता का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने वाले तथा वांछित बिन्दुवार जानकारी प्रेषित करने में विलंब करने वाले नोडल अधिकारी, पटल प्रभारी को मुख्य अभियंता स्तर से कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाए साथ ही की गई कार्यवाही से तत्काल उन्हें अवगत कराया जाए।