Contractors’ Allegations : ऑडिट विभाग बेवजह कमियां निकालकर फाइलें रोक रहे, ठेकेदारों के आरोप, निगम आयुक्त को शिकायत करेंगे!

एक महीने से अधिक समय ऑडिट में लगा देते, जबकि पहले ऑडिट जल्दी होता रहा!

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Contractors’ Allegations : ऑडिट विभाग बेवजह कमियां निकालकर फाइलें रोक रहे, ठेकेदारों के आरोप, निगम आयुक्त को शिकायत करेंगे!

Indore : नगर निगम का ऑडिट विभाग हमेशा अपने किसी न किसी काम को लेकर सुर्खियों में रहता है। कभी पेमेंट में देरी तो कभी अनावश्यक कमियां निकालकर फाइलें रोकना जैसे ऑडिट विभाग के लिए रूटीन का काम हो गया, जिसका खामियाजा निगम के ठेकेदार भुगत रहे हैं। ऑडिट विभाग के फाइलें रोकने और पेमेंट में देरी होने के कारण निगम ठेकेदार परेशान हो रहे हैं।

ठेकेदारों का कहना है कि ऑडिट विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों को नियमित भेंट पूजा दी जाती है। उसके बाद भी वह अनावश्यक रूप से फाइलें रोककर पेमेंट में देरी करते हैं। इसका मकसद सिर्फ इतना होता है कि और अधिक भेंट पूजा उन्हें दी जाए। नाराज ठेकेदार अब निगम आयुक्त को मामले में शिकायत करने की तैयारी में है।

जानकारी अनुसार निगम के ऑडिट विभाग में पदस्थ कर्मचारियों से लेकर अधिकारी ईमानदार ठेकेदारों को परेशान कर रहे हैं। वही ऊंची पकड़ रखने वाले ठेकेदार की फाइलें तुरंत पेमेंट के लिए भेज दी जाती है।

लेखा विभाग में फाइलें नहीं भेजी जाती 

ठेकेदारों का कहना है कि उन्हें पैसा देने के बावजूद एक महीने से अधिक समय ऑडिट में समय लगा देते हैं, जबकि पहले ऑडिट जल्दी हो जाता था। कई महीनों तक ऑडिट विभाग में फाइल पड़ी रहने से लेखा विभाग में नहीं जाती है। इससे भुगतान होने में काफी समय लग जाता जाता है। लेखा विभाग से परीक्षण के बाद भुगतान के लिए फाइल तीन दिन के अंदर ऑडिट विभाग में पहुंच जाती, जबकि अर्जेंट फाइल तत्काल में भी भेज दी जाती है। इधर, ऑडिट विभाग में ही काफी देरी होने से परेशानी बढ़ जाती है और पुनः जब भुगतान के लिए आती है तब काफी समय बीत जाता है। इससे एक और जहां कई प्रोजेक्ट देरी से काम के कारण पूरे होते हैं। वहीं दूसरी ओर पैसा देने के बावजूद इस तरह के रवैये के चलते परेशानी बढ़ती ही जा रही है।

पेमेंट में देरी से प्रोजेक्ट लेट

ठेकेदारों के संगठन का कहना है कि जो सही मायने में काम कर रहे हैं वे ठेकेदार ईमानदारी से आज भी नगर निगम में सेवाएं दे रहे हैं। यही कारण है कि अब नाराज ठेकेदार निगम कमिश्नर शिवम वर्मा से मिलकर लेखा विभाग के समय ऑडिट विभाग की शिकायत करने की तैयारी में है। ठेकेदार संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि मय सबूत के साथ मिलकर कार्रवाई की मांग करेगें। ठेकेदारों का कहना है कि पैसे देने के बावजूद फाइलों को अटकाने का काम लगातार किया जा रहा है। यही कारण है कि भुगतान समय पर नहीं हो रहा है।

बिल लगाने से लेकर जीएसटी की राशि तक जुटानी पड़ती है। जबकि, यह तय नहीं रहता है कि बिल का भुगतान कब होगा? ऐसे में ठेकेदारों को काम करना मुश्किल हो रहा है। जबकि, इस तरह की परेशानी को निगम कमिश्नर शिवम वर्मा और महापौर भी जानते होंगे। लेकिन, ठेकेदार संगठन के पदाधिकारी मिलकर अपनी व्यथा बताएंगे। इस तरह की व्यवस्था निगम में सुधारना भी आवश्यक है। इस मामले को लेकर आगे काम किया जा रहा है।