Kanpur: कानपुर के मंडलायुक्त रहे वरिष्ठ IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन मामले में SIT सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट UP Government को सौंप सकती है। इफ्तिखारुद्दीन पर Government Bungalow में वर्ष 2014 से 2017 के बीच religious conversions को लेकर सभाएं करने का आरोप है। उत्तर प्रदेश के Kanpur में Islam का प्रचार और धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने वाली तकरीरों से संबंधित Viral Video के कारण जांच के घेरे में आए वरिष्ठ IAS Iftikharuddin की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. Illegal Religious Conversion से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद SIT की जांच पूरी हो गई है. सूत्रों के मुताबिक SIT के अध्यक्ष और DG, CBCID जीएल मीना ने कानपुर में कई दिन तक कैंप करके वायरल वीडियो की सत्यता को जाना. SIT के अध्यक्ष के साथ सदस्य ADG कानपुर जोन भानु भास्कर भी रहे. ADG भानु भास्कर के कैंप में 16 से ज्यादा टीमों को लगाया गया. इस दौरान 30 से ज्यादा लोगों से भी पूछताछ की गई.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के चेयरमैन इफ्तिखारुद्दीन से लखनऊ स्थित CBCID मुख्यालय में गहन पूछताछ की गई है. वरिष्ठ IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन मामले में SIT सोमवार को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप सकती है.
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी को जांच में कई ऐसे सुबूत मिले हैं, जो इफ्तिखारुद्दीन पर लगे आरोपों को सही साबित कर रहे हैं.
SIT इफ्तिखारुद्दीन द्वारा दिए गए साहित्य को भी जांच रिपोर्ट का हिस्सा बना सकती है.इस साहित्य में न सिर्फ हिंदू धर्म की गलत तरीके से व्याख्या की गई, बल्कि कुरान की आयतों के भी गलत अर्थ निकाले गए हैं.SIT को इफ्तिखारुद्दीन के कानपुर मंडलायुक्त रहने के दौरान के धार्मिक आयोजनों के 67 वीडियो मिले हैं.
इनके ट्रांसक्रिप्ट तैयार की जा रही है.गौरतलब है कि एसआईटी को एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था.बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में मिले वीडियो और साहित्य की छानबीन की वजह से रिपोर्ट सौंपने में देरी हो रही है.