controversial UPSC Result: MP की दो आयशा, नाम भी एक और रोल नंबर भी एक!

184वीं रैंक को लेकर दो 'आयशा' कर रहीं दावा

2572

controversial UPSC Result: MP की दो आयशा, नाम भी एक और रोल नंबर भी एक!

मध्यप्रदेश में UPSC परिणाम को लेकर विवादास्पद एक मामला सामने आया है।

बताया गया है कि एक ही रोल नंबर पर दो लड़कियों ने परीक्षा दी। दोनों मध्यप्रदेश की है। चर्चा है की दोनों ने  इंटरव्यू दिया और अब दोनों को 184वीं रेंक आई है। इन दोनों में कौन सही है,ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा,लेकिन अभी दोनों घरो में खुशियाँ मनाई जा रही हैं।

यूपीएससी की परीक्षा में 184 रैंक को लेकर मध्य प्रदेश की दो उम्मीदवार दावा कर रही हैं. दोनों का नाम और रोल नंबर एक ही बताया जा रहा है.

हालांकि, रैंक किसकी आई है, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही. अब देश की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा में एक ही रोल नंबर और नाम की वजह से रिजल्ट पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, जैसे ही UPSC का परीक्षा परिणाम सामने आया, वैसे ही मध्य प्रदेश के देवास और अलीराजपुर में खुशियां मनाई जाने लगीं.

अलीराजपुर की आयशा को आया UPSC की तरफ से मेल
दोनों ही दावेदारों के एक ही रोल नंबर 7811744 बताए जा रहे हैं. दोनों का नाम समान होने की वजह से ऐसी स्थिति बनना संभव हो सकता है. इस दौरान अलीराजपुर की आयशा को एक मेल भी यूपीएससी की ओर से आया है, जिसमें उन्हें बताया गया है कि तीन लोगों के एक जैसा नाम होने की वजह से नाम में परिवर्तन किया गया है.

UPSC Result 2022 MP Ayesha Achieves 184th Rank in UPSC Exam Raises Claim of Duplicate Roll Number

UPSC Result 2022 MP Ayesha Achieves 184th Rank in UPSC Exam Raises Claim of Duplicate Roll Number

UPSC निकालने के लिए 10 से 12 घंटे की पढ़ाई
देवास की रहने वाली आयशा फातिमा के पिता का नाम नजीरुद्दीन है, जबकि अलीराजपुर की आयशा के पिता का नाम सलीमुद्दीन है. आयशा फातिमा ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी क्लियर करने के लिए 10-12 घंटे रोज पढ़ाई की थी. उन्होंने हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी में भी काफी अच्छे अंक हासिल किए थे, जिसके बाद इंजीनियरिंग की और फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी की. 184 रैंक में उन्होंने आईपीएस कैडर मिलने की पूरी उम्मीद है.

दोनों आयशा ने किए इंटरव्यू के दावे
आयशा फातिमा ने अपनी पूर्ण सफलता को लेकर सटीक दावा किया है और उनका कहना है कि परीक्षा परिणाम उन्हीं का है, जबकि अलीराजपुर की आयशा मकरानी का दावा है कि उन्होंने भी 10 से 12 घंटे पढ़ाई कर सफलता अर्जित की है. आयशा मकरानी के भाई शहबाजुद्दीन का कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.