बीजेपी में टिकट के क्राइटेरिया को लेकर माथापच्ची, दावेदारों की भीड़

जिला संयोजक बनाए गए कई नेताओं ने टिकट न मिलने की आशंका से पद छोड़ने की इच्छा जताई

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बीजेपी में टिकट के क्राइटेरिया को लेकर माथापच्ची, दावेदारों की भीड़

भोपाल: चुनाव का समय नजदीक आने के साथ बीजेपी में टिकट के दावेदारों की भीड़ बढ़ने लगी है। इन हालातों को देखते हुए अब पार्टी को टिकट के क्राइटेरिया को लेकर भी माथापच्ची करनी पड़ रही है। जिला संयोजक बनाए गए कई नेताओं ने इस जिम्मेदारी को संभालने के बाद टिकट न मिलने की संभावनाओं के मद्देनजर इस जिम्मेदारी से मुक्त होने की भी इच्छा जता दी है जिसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें टिकट की क्राइटेरिया में रखने के लिए आश्वस्त किया है।

दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इंदौर प्रवास के एक दिन पहले भाजपा ने 57 संगठनात्मक जिलों में जिला संयोजकों की नियुक्ति की है। जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है उनमें पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष समेत संगठन में काम कर चुके वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इनमें से कई नेता आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से जिला संयोजकों की नियुक्ति की गई, उसके बाद यह मैसेज भी सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो गया कि जिला संयोजक बनाए गए नेताओं को पार्टी चुनाव में टिकट नहीं देगी। इसीलिए जब इन्हें पहली बैठक में भोपाल बुलाया गया तो कई नेताओं ने यह सवाल उठा दिए कि वे चुनाव लड़ना चाहते हैं तो क्या पार्टी टिकट नहीं देगी? अगर ऐसी स्थिति है तो उन्हें जिला संयोजक के पद से मुक्त किया जाए। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा समेत अन्य नेताओं ने जिला संयोजकों को आश्वस्त किया कि टिकट को लेकर अभी कोई बंधन नहीं है। जिला संयोजक, जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों को भी टिकट मिल सकता है। गौरतलब है कि इसके पहले दो हजार नवमतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने पर टिकट वितरण के दौरान दावेदारों के नाम पर चर्चा को भी पार्टी ने टिकट क्राइटेरिया में शामिल किया है।

टीम बनाना है जिला संयोजकों को
इन जिला संयोजकों को जिले में वैसे ही अधिकार दिए गए हैं जैसे प्रदेश स्तर पर प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिए गए हैं। तोमर के नेतृत्व में काम करने वाले चुनाव प्रबंधन समिति का ऐलान भी पार्टी ने कर दिया है। उधर जिन नेताओं को जिला संयोजक बनाया गया है उन्हें जिला स्तर पर अपनी टीम का गठन करना है।

शाह का महाकौशल संभाग का दौरा जल्द
उधर इंदौर के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह का अगला दौरा जबलपुर संभाग में होना तय माना जा रहा है। इसको लेकर अभी तारीख तय नहीं हुई है लेकिन चर्चा है कि एक दो दिनों में शाह जबलपुर का दौरान फाइनल कर संभाग के नौ जिलों की बैठकें ले सकते हैं। इस दौरान भी बूथ कार्यकर्ताओं और जिलों की कोर टीम सदस्यों के साथ शाह का संवाद होगा।