Bhopal : आज जिन विभागों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की उनमें सहकारिता विभाग भी रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सोसायटियों को ठीक करें, मुझे ठोस कार्ययोजना चाहिए, उस पर अमल चाहिए और परिणाम चाहिए। जो गोदाम बनाए जा रहे हैं, उनकी गुणवत्ता का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। इनका काम गुणवत्तापूर्ण हो और उपयोग बेहतर हो।
उन्होंने कहा कि महानगरों में गृह निर्माण सहकारी समितियों के गबन और प्लॉटों में गड़बड़ी की खबरें आती हैं। ऐसी समस्याओं का अध्ययन करके दीर्घकालिक नीति बनाएं, जिससे मेहनत करने वालों की कमाई भूमाफिया न खा सकें। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी अच्छी सहकारी समिति बनाने का सुझाव दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग में योग्य और ईमानदार लोगों की भर्तियाँ हों। साथ ही सहकारी नीति बनाने की प्रक्रिया भी तेज हो। सहकारी समिति बनाने के क्षेत्र में काम बहुत कम काम हुआ है। कई क्षेत्र हैं, जिसमें सहकारिता विभाग काम कर सकता है। लेकिन, सिर्फ खानापूर्ति और नाम मात्र के लिए पहल की जा रही है। अधिकारी पहले अपना टारगेट सेट करें, फिर उसे पूरा करने के प्रयास करें। अगली बार जब हम बैठेंगे, तो विभाग का रोडमैप बनाकर लाएं।
देश के दूसरे राज्यों में अलग-अलग सहकारिता विभाग क्या अच्छा काम कर रहे हैं, उनसे हमने कुछ सीख ली है या नहीं, इस बात का भी ध्यान रखें। बेहतर हो कि हम अच्छे काम करने वाले सहकारिता विभागों से कुछ सीखें। गैर परंपरागत क्षेत्रों में भी सहकारिता विभाग को काम करने का मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि पहले इसका रोडमैप बनाया जाए।
मुख्यमंत्री द्वारा किए गए सवाल
– नई सहकारिता नीति बनाने को लेकर अभी तक क्या काम हुआ है?
– अच्छे कार्यों को बेंचमार्क बनाकर हम कब काम शुरू करेंगे?
– अन्य राज्यों में सहकारिता विभाग क्या अच्छा काम कर रहे हैं, क्या हमने उनसे कोई सीख ली है?
– गैर परंपरागत क्षेत्रों में सहकारिता के काम को लेकर क्या रोडमैप है?