

Copies To Be Rechecked: सरकार के आदेश पर पुनः जांची जाएंगी कालेज चपरासी द्वारा चेक उत्तर पुस्तिकाएं, प्राचार्य सहित 2 सस्पेंड, 3 बर्खास्त
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट
पिपरिया। नर्मदापुरम जिले के पिपरिया तहसील के शहीद भगत सिंह शासकीय पी.जी. महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की फाइनल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच जनभागीदारी समिति द्वारा महाविद्यालय में रखे एक चपरासी,प्रयोगशाला परिचारक,जनभागीदारी द्वारा कराई गईं। इस घटना का वीडियो जनवरी माह में ही सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया था। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तीन माह तक वायरल हुए वीडियो की चुपचाप जांच की गई और इस जांच के बाद प्रभारी प्राचार्य राकेश वर्मा,प्राध्यापक वाणिज्य संकाय और मूल्यांकन नोडल अधिकारी,डॉक्टर रामगुलाम पटेल,प्राध्यापक राजनीति शास्त्र को सस्पेंड किया गया। निलंबन अवधि में दोनों को मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा भोपाल नर्मदापुरम संभाग निर्धारित किया गया है। लेकिन इस मामले में जनभागीदारी मद से रखे तीनो कर्मचारियों,अतिथि विद्वान खुशबू पगारे,जनभागीदारी समिति, पन्नालाल पठारिया,प्रयोगशाला परिचारक,जनभागीदारी,जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है और राकेश कुमार मैहर,बुक लिफ्टर, स्थाई कर्मी,जनभागीदारी पर कठोर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें सिर्फ महाविद्यालय की सेवा से हटाने मात्र के निर्देश प्राचार्य को शिक्षा विभाग ने दिए हैं जिसे कुछ छात्र नेता औपचारिकता मात्र ही मान रहे हैं।
पिपरिया के शहीद भगत सिंह पी.जी.महाविद्यालय में विगत कुछ समय से शिक्षा का मजाक बना कर रख दिया गया है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं कालेज स्टाफ के कुछ सदस्य ही
शहीद भगत सिंह महाविद्यालय के चपरासी पन्नालाल पठारिया द्वारा छात्र छात्राओं की फाइनल की उत्तर पुस्तिका की जांच करने के वीडियो से पूरे देश मे बबाल मच गया है।
चिंता का विषय यह है कि छात्र-छात्राओं को शिक्षा का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक ही विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। जबकि सूत्र बताते हैं कि यह शहीद भगत सिंह महाविद्यालय में कोई पहला मामला नही है। इसके पूर्व भी महाविद्यालय के शिक्षक महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र,छात्राओ के समक्ष भी उत्तर पुस्तिका की जांच करने का प्रस्ताव भी रख चुके है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाविद्यालय के शिक्षक मोटा वेतन लेकर क्या पढ़ाते होंगे।
शहीद भगत सिंह पी.जी. महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री हरदीप सिंह ने कहा है कि निलंबित करने तक ही यह मामला सीमित नही रहना चाहिये, क्योंकि एक चपरासी से उतर पुस्तिकाओं की जांच कराकर बच्चों के भविष्य को बिगाड़ा जा रहा है। इस मामले में सभी दोषियों पर कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिये। इन शिक्षकों ने जो काम किया है,वह बड़े अपराध की श्रेणी में आता है,इसके अनुसार सभी दोषियों पर कानूनी कार्यवाही होना चाहिये।बताया जाता है कि संबंधित उत्तर पुस्तिका की जांच की जिम्मेदारी खुशबू पगारे को दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा तबियत खराब होने का कहकर बुक लिफ्टर राकेश कुमार मैहर के माध्यम से चपरासी पन्नालाल से विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका के पन्नों की जांच करा दी गई। राज्य शासन ने इस मामले की जांच करने के बाद सभी दोषियों पर कार्यवाही करते हुये, जितनी भी उत्तर पुस्तिका चपरासी पन्नालाल ने जांची थी,उनके पुनः मूल्यांकन के आदेश जारी किये हैं। महाविद्यालय के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य राजीव माहेश्वरी ने बताया है कि चपरासी पन्नालाल जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है के द्वारा जिन कापियों की जांच की गई थी,शासन ने पुनः उनके मूल्यांकन के आदेश जारी किये हैं।