न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दी 

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न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दी 

बड़वानी : बड़वानी की विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) ने 11 वर्ष 9 माह की दुष्कर्म पीड़ित बच्ची को गर्भपात की अनुमति देते हुए बड़वानी की मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए हैं। दुष्कर्म के चलते उसे 19 हफ्ते का गर्भ है।

न्यायाधीश रेखा आर चन्द्रवँशी ने दुष्कर्म पीड़िता की मां के आवेदन को स्वीकार करते हुए बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तीन दिन में गर्भपात संबंधी कार्यवाही कर न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

सहायक निदेशक (अभियोजन ) दुष्यंत सिंह रावत ने बताया कि न्यायालय ने गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम 1971 की धारा 3 के तहत दिए गए प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि उसके गर्भपात कराए जाने के लिए मेडिकल टीम गठित किया जाये। इसके उपरांत सोनोग्राफी, ब्लड टेस्ट व अन्य परीक्षण कराए जाएं। गर्भपात हेतु नियत समय एवं दिनांक की जानकारी न्यायालय को एक दिन पूर्व देने के लिए भी कहा है।

 

न्यायालय ने गर्भपात होने पर भ्रूण को डीएनए परीक्षण हेतु संरक्षित करने के भी निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने राजपुर के थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि वह गर्भपात हेतु पीड़िता को उसकी मां के साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष लेकर उपस्थित रहें।

आवेदन में 11 वर्ष 9 माह की पीड़िता की सोनोग्राफी रिपोर्ट के आधार पर 19 सप्ताह की गर्भवती होना बताया गया है।

राजपुर के थाना प्रभारी विक्रम सिंह बामनिया ने बताया कि पीड़िता द्वारा पेट दर्द की शिकायत किए जाने पर चिकित्सकीय परीक्षण में उसे गर्भवती पाया गया था । इसके बाद पुलिस में मामला दर्ज कराया गया था।

पीड़िता को पहले फुसलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में राजपुर पुलिस ने 22 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है।