Court’s Order To Seize Property: पूर्व डिप्टी कलेक्टर, पत्नी, बेटियों और समधन की 1.28 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति जप्त करने के आदेश!
उज्जैन : विशेष न्यायालय न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व डिप्टी कलेक्टर स्वर्गीय हुकुमचंद पिता केसरीमल सोनी की 1.28 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति राजसात करने का आदेश दिए हैं।
यह फैसला न्यायालय ने मध्य प्रदेश के पूर्व डिप्टी कलेक्टर स्वर्गीय हुकुमचंद सोनी को भ्रष्टाचार के मामले में सुनाया हैं। न्यायालय ने हुकुमचंद के साथ उनकी पत्नी, बेटियों और समधन की 1.28 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति राजसात करने का आदेश दिए हैं।
प्रकरण में न्यायालय ने विशेष रूप से टिप्पणी करते हुए सजा सुनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार समाज व परिवार के लिए खतरनाक हैं तथा भ्रष्ट आचरण प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर्यंत एवं मृत्यु उपरांत भी उसके कार्यों से दिखाई देता हैं। ऐसा कृत्य निंदनीय होकर उदारता के योग्य नही होता हैं। इस मामले में लोकायुक्त ने 2011 में हुकुमचंद सोनी के खिलाफ केस दर्ज किया था।
फैसले की जानकारी देते हुए जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि लोकायुक्त संगठन उज्जैन की और से अनावेदक के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था जो कि विचारणीय हैं एवं अनावेदक द्वारा अर्जित असमानुपातिक संपत्ति 1 करोड 77 लाख 55 हजार 751 रूपए मध्य-प्रदेश शासन के पक्ष में अधिग्रहण किए जाने हेतु 1 आवेदन पत्र धारा 13(1) मध्य-प्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम 2011 के तहत प्रस्तुत किया गया था।
लोकायुक्त कार्यालय मुख्यालय भोपाल को हुकुमचंद सोनी के विरूद्ध शिकायत 27-जून-2011 को विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन को प्राप्त हुई थी। मामले में डीएसपी ओपी. सगोरिया द्वारा शिकायत का गोपनीय सत्यापन कराए जाने पर शिकायत सही पाई गई। प्रभावित अनावेदक व्यक्ति क्रमांक 1 हुकुमचंद द्वारा अपने अधिकारों का अवैध लाभ अर्जित कर स्वयं की पत्नी एवं पुत्रियों के नाम पर मकान, प्लाट, वाहन आदि खरीदकर लगातार भ्रष्टाचार करना तथा आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक संपत्ति एकत्र करना सही पाया गया।