Covid-19 : देश में फ़िलहाल कोई प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं!

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने से ही भारतीय नई लहर से बच सकेंगे!

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Covid-19 : देश में फ़िलहाल कोई प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं!

New Delhi :  चीन समेत कुछ देशों में कोरोना के बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार और लोगों में भी डर है। सरकार स्थिति पर गंभीरता से नजर बनाए है और कोरोना प्रोटोकॉल केस के मामलों में जीनोम सीक्वेंसिंग के निर्देश दिए गए। देश में टेस्टिंग भी बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों से लगातार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहने की अपील कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल भारत में स्थिति काफी नियंत्रित है, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। फिलहाल भारत में स्थिति काफी कंट्रोल में है, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। बचाव के उपाय और टीकाकरण को बढ़ावा देकर हम संक्रमण के जोखिम से बचाव कर सकते हैं।

दिल्ली ‘एम्स’ के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया कहते हैं कि फ़िलहाल के कोविड परिदृश्य को देखते हुए फिलहाल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रतिबंधित करने या लॉकडाउन लगाने जैसी जरूरत नजर नहीं आती। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में डॉ गुलेरिया ने बताया कि भारतीय लोगों में ‘हाइब्रिड इम्युनिटी’ देखी जा रही है। ऐसे में अगर यहां संक्रमण बढ़ता भी है, तो भी गंभीर मामले या रोगियों के अस्पालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

फिर भी सभी लोगों को बचाव के उपायों का लगातार पालन करते रहने की जरूरत है। थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम संक्रमण की एक और लहर के जोखिम को कम कर सकते हैं। अच्छे टीकाकरण कवरेज और प्राकृतिक संक्रमण के कारण भारतीय आबादी में पहले से ही हाइब्रिड प्रतिरक्षा है, इसलिए लोगों को पैनिक नहीं होना चाहिए।

संक्रमण से बचाव के करें उपाय

सफदरजंग अस्पताल में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर विभाग के डॉ नीरज गुप्ता  कहते हैं, चीन और कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमें पहले से अलर्ट रहने की आवश्यकता है। कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क लगाना, हाथों की स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय भारत में संक्रमण के प्रसार को रोकने में मददगार हो सकते हैं। पिछले वर्षों में जिस तरह से हमने कोविड को नियंत्रित किया है, टीकाकरण और संक्रमण के चलते लोगों में बेहतर प्रतिरक्षा देखी जा रही है, ऐसे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

चीन जैसे हालात भारत में नहीं 

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शोधकर्ता प्रो ज्ञानेश्वर चौबे (साइटोजेनेटिक्स लैब) कहते हैं कि अध्ययनों में ओमिक्रॉन BF.7 की प्रकृति जिस प्रकार की देखी जा रही है, उससे भारतीय लोगों में गंभीर रोग या अस्पतालों में भर्ती होने की आशंका काफी कम है। कोरोना के पिछले तीन लहरों में देश की बड़ी आबादी संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है, इसके अलावा सुरक्षात्मक रूप से देश में वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज भी ज्यादातर लोगों को मिल चुका है, जो इन वैरिएंट्स के कारण होने वाली जटिलताओं से बचाने में मददगार है। ऐसे में भारत में चीन जैसे हालात होंगे, इसकी आशंका नहीं है।

मेमेरी सेल्स भारतीयों में प्रभावी

प्रोफेसर चौबे बताते हैं, प्राकृतिक संक्रमण और वैक्सीनेशन के चलते भारतीय लोगों में मेमेरी (टी सेल्स) काफी प्रभावी देखी जा रही हैं, जो म्यूटेटेड वैरिटएंट्स से संक्रमण की स्थिति में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के माध्यम से शरीर में संक्रमण को बढ़ने और गंभीर रोग के खतरे को कम करने में मददगार होगी। चूंकि, BF.7 ओमिक्रॉन का ही म्यूटेटेड वर्जन है ऐसे में ये मेमोरी सेल्स इस वैरिट्स को आसानी से पहचान कर शरीर को इससे होने वाले खतरे से बचाने में मददगार हैं। ये भी एक स्थिति है जो भारतीय लोगों को अधिक सुरक्षित करती है।

बूस्टर डोज जरूर ले लें 

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने अतिरिक्त सुरक्षा के लिए लोगों से वैक्सीन की बूस्टर डोज लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव करते रहना सभी लोगों के लिए बेहद जरूरी है, पात्र लोगों को वैक्सीन की बूस्टर खुराक लेनी चाहिए। तीसरी डोज प्रतिरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के साथ संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोग के जोखिम को कम करने में विशेष लाभकारी हो सकती है।