Cricketer Gautam Gambhir says Goodbye to Politics: शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी बनी वजह!
पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद क्रिकेटर गौतम गंभीर ने राजनीति को अलविदा कह दिया है। पार्टी की तरफ से जानकारी दी गई है कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अपने निर्णय के बारे में अवगत कराया है।
इसके साथ ही गंभीर ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट कर अपने निर्णय की जानकारी दी है।
I have requested Hon’ble Party President @JPNadda ji to relieve me of my political duties so that I can focus on my upcoming cricket commitments. I sincerely thank Hon’ble PM @narendramodi ji and Hon’ble HM @AmitShah ji for giving me the opportunity to serve the people. Jai Hind!
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) March 2, 2024
वर्ष 2019 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बने गंभीर राजनीति में बेहद सक्रिय नहीं रहे। कुछ चुनिंदा अवसर पर ही वो पार्टी की तरफ से चलाए गए अभियानों व धरना प्रदर्शनों में शामिल हुए। यहां तक की स्थानीय स्तर पर पार्टी के अन्य नेताओं के साथ उनके मतभेद बने रहने। जिससे शीर्ष नेतृत्व भी उनसे नाराज था। लगातार मिल रही शिकायतों और उनकी बेहद कम सक्रियता के बीच पार्टी नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्वी दिल्ली से गंभीर का टिकट काट कर नए प्रत्याशी को मैदान में उतारने का भी मन बना लिया।
इसी का नतीजा है कि आगामी लोकसभा प्रत्याशी के लिए दिल्ली भाजपा की तरफ से केंद्रीय चुनाव सीमित को पूर्वी दिल्ली सीट के लिए प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और प्रदेश इकाई में महामंत्री हर्ष मल्होत्रा का नाम प्रस्तावित किया है। ऐसे में पार्टी से जुड़े लोग बताते हैं कि गौतम गंभीर को साफ अंदेशा हो गया था कि उनका टिकट कटना पूरी तरह से तय है। इसलिए उन्होंने चुनाव से अहम पहले अपने राजनीतिक दायित्व से अलग होने का फैसला लिया।
स्थानीय विधायक के साथ हुआ विवाद
बीते वर्ष एक कार्यक्रम के दौरान सांसद गौतम गंभीर का स्थानीय विधायक ओपी शर्मा के साथ विवाद हुआ था। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुई थी। इस घटना के बाद भाजपा दिल्ली से जुड़े एक वर्ग ने सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शीर्ष नेतृत्व से मामले में शिकायत भी की थी। घटना के बाद स्थानीय विधायक ने कहा था कि सर्व समाज के सम्मेलन में सांसद ने उनकी साथ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे पहले भी कई बार उनके ऊपर आरोप रहे हैं कि वो स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं की अनदेखी करते हैं और पार्टी के आयोजनों में बेहद कम हिस्सा लेते हैं।